भविष्‍य का देश और रेल कैसी हो? इंजीनियर या डॉक्टरों ने नहीं, इन चार लाख स्‍कूली स्‍टूडेंट्स ने बताया - Khulasa Online भविष्‍य का देश और रेल कैसी हो? इंजीनियर या डॉक्टरों ने नहीं, इन चार लाख स्‍कूली स्‍टूडेंट्स ने बताया - Khulasa Online

भविष्‍य का देश और रेल कैसी हो? इंजीनियर या डॉक्टरों ने नहीं, इन चार लाख स्‍कूली स्‍टूडेंट्स ने बताया

भविष्‍य का भारत कैसा हो या भारतीय रेल कितनी बदल जाएगी, सामान्‍य रूप मे इस तरह के सवाल इंजीनियरों, डॉक्‍टरों या उच्‍च शिक्षा पा चुके या पा रहे छात्रों से पूछे जाते हैं, लेकिन अगर ये सवाल उन्‍हीं से पूछा जाए जो वाकई में भारत के भविष्‍य होंगे, यानी स्‍कूली छात्रों से, जो बिना लाग लपेट के सच सच अपने सपने बताएंगे, भारतीय रेलवे ने ऐसी ही प्रतियोगिता का आयोजन किया. जिसमें छात्रों ने बढ़चढ़ कर हिस्‍सा लिया और बगैर लाग-लपेट के अपने सपने सच-सच बताए.

भारतीय रेलवे ने स्‍कूली छात्रों से भविष्‍य का भारत कैसा हो और भारतीय रेल भविष्‍य में कैसी होनी चाहिए, यह जानने के लिए अभियान चलाया. अभियान में देशभर के 4000 स्‍कूलों के 4 लाख छात्रों ने भाग लिया. इसमें सभी क्‍लास और वर्ग के छात्र शामिल हुए. इसके तहत ड्राइंग, निबंध, कविता, भाषण आदि कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. सभी बच्‍चों ने भविष्‍य के भारत और रेल की कल्‍पना को अपने-अपने तरीकों से बताया.

रेलवे मंत्रालय के अनुसार प्रतियोगिता में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं में 50000 को अवार्ड और सर्टिफिकेट दिया जाएगा. यह आयोजन 26 फरवरी को देश के सभी डिजीवनों के 2000 रेलवे स्‍टेशनों पर किया जाएगा. संबंधित डिवीजन के डीआरएम स्‍वयं छात्रों को पुरस्‍कार देंगे. इस दौरान स्‍वयं प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से मौजूद रहेंगे.

 

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