
हेलो सुध… छुट्टी मिल गई है, जल्द गांव आ रहा हूं, पत्नी से बोले योगेश और दो घंटे बाद शहीद हो गए





बीकानेर. हेलो सुध … छुट्टी मिल गई है, जल्द गांव आ रहा हूं। बेटी को गोद में लेकर खिलाउंगा। बेटे और बेटी की बहुत याद आती है। शहीद योगेश ने शनिवार रात को तकरीबन नौ बज घर फोन कर पत्नी से बात की थी, तो यह उनके मुंह से निकले वह आखिरी शब्द थे, जो घरवालों ने सुने थे। वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। रात साढ़े ग्यारह बजे उनको गोली लग गई और वे शहीद हो गए। सेना के अधिकारियों ने रविवार सुबह परिजनों को योगेश के शहीद होने की जानकारी दी। शहीद योगेश की पत्नी सुदेश पीबीएम अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत है। करीब आठ-नौ महीने पहले सुदेश ने एक लड़की को जन्म दिया है। वह प्रसूती अवकाश पर थी। सुदेश ने हाल ही में करीब डेढ़ दो महीने पहले फिर से नौकरी जॉइन की है। सुदेश के चार साल का एक बेटा भी है। नर्सिंग ऑफिसर सुदेश यहां सरकारी क्वार्टर में रहती हैं। उनके पड़ोसी व साथी कर्मचारी ने बताया कि योगेश बेहद मिलनसार व जांबाज शख्स थे। वे जब यहां आते, तो वहां के किस्से सुनाते थे। वे अपनी बेटी के जन्म के बाद गांव आए थे। अब वापस 25 सितंबर को गांव आने वाले थे। शहीद योगेश के परिवार के करीबी की मानें तो योगेश अपने मां-बाप से किया वादा पूरा नहीं कर पाए। रक्षाबंधन पर मां व बहन ने बहुत बुलाया था, लेकिन वे छुट्टी नहीं मिलने के कारण आ नहीं पाए थे। उन्होंने मां-पिता व बहन से अक्टूबर माह के पहले सप्ताह तक घर आने का वादा किया था। उनकी 25 सितंबर से छुट्टी भी स्वीकृत हो गई थी, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। योगेश आ तो रहे हैं, लेकिन मां भारती की गोद में सोने के लिए। जानकारी के मुताबिक, शहीद योगेश का शव चूरू जिले में रतनगढ़ तहसील के लंबोर बड़ी गांव लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
