
दो बड़ी खबरें:- तीन वर्षो के पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित, राज्य कला पुरस्कारों की घोषणा





खुलासा न्यूज जयपुर/बीकानेर। राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा राज्य के दस कलाकारों की कलाकृतियों को पुरस्कृत किया जाएगा। अकादमी की 64वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के निर्णायक मण्डल ने इन पुरस्कारों के लिए चयनितों की घोषणा की। पुरस्कार के लिए डॉ. अमिता राज गोयल (रिक्रियेटिंग नेचर-2), दिशांक शर्मा (स्मृित), महेश कुमार कुमावत (सनातन), शिखा (देयर ईज समथींग), सोम्य यादव (साईनम ऑफ सैल्फ), नकुल गोदारा (शेडो ), अमर प्रजापत (जयपुर अरावली-1), प्रभु लाल गमेती (अनटाईडल्ड-2), उदित अग्निहोत्री (किंगडम) तथा दीपिका रावजानी (लाईफ एण्ड डेथ) का चयन किया गया है। राजस्थान ललित कला आदमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने बताया कि प्रदर्शनी के लिए राज्य भर से 169 कलाकारों की 505 चित्र एवं मूर्तिशिल्प प्राप्त हुई थी जिसमें से निर्णायक मण्डल ने प्रदर्शनी के लिये 64 कलाकारों की 78 कलाकृतियों का चयन किया हैं। इनमें पुरस्कृत कलाकृतियां भी सम्मिलित है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले दस कलाकारों को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये नकद, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किये जायेंगे। निर्णायक मण्डल के सदस्य कलाविद् प्रो. भवानी शंकर शर्मा, दिलीप शर्मा, अभिजीत पाठक थे।
राजस्थानी भाषा अकादमी के गत तीन वर्षो के पुरस्कारों हेतु आवेदन आमंत्रित
आवेदनों की अंतिम तिथि 29 सितंबर 2023
खुलासा न्यूज बीकानेर। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 तथा 2021-22 के तहत अकादमी के विभिन्न पुरस्कारों हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। सभी पुरस्कारों के आवेदन की अंतिम तिथि 29 सितंबर 2023 है, इस तिथि के बाद प्राप्त आवेदन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किये जायेंगे। अकादमी कार्यालय में सोमवार को अध्यक्ष शिवराज छंगाणी, उपाध्यक्ष भरत ओला एवं अकादमी सचिव शरद केवलिया ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी करी। अकादमी अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने बताया कि अकादमी के गत 3 वर्षों के विभिन्न पुरस्कारों के अन्तर्गत 71,000 रुपये का सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार (2019 में गद्य, 2020 में पद्य एवं 2021 में गद्य), 51,000 रुपये प्रत्येक के शिवचन्द्र भरतिया गद्य पुरस्कार (निबंध, एकांकी, नाटक, यात्रा संस्मरण, रेखाचित्र आदि), गणेशीलाल व्यास ‘उस्ताद‘ पद्य पुरस्कार तथा मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी‘ कथा साहित्य पुरस्कार (कहानी, उपन्यास), 31,000 रुपये प्रत्येक के रावत सारस्वत साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार, प्रेमजी प्रेम राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार, राजस्थानी महिला लेखन पुरस्कार, बावजी चतरसिंह जी अनुवाद पुरस्कार, सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार व जवाहरलाल नेहरू राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। छंगाणी ने बताया कि वर्ष 2022-23 में अकादमी से पुरस्कृत लेखक पिछले तीन वर्षों (2019, 2020, 2021) के किसी भी पुरस्कार में आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 में जिन साहित्यकारों की पुस्तकों के लिये यदि पुरस्कार घोषित होते हैं, तो उनके द्वारा पिछले तीन वर्षों (2019, 2020, 2021) के पुरस्कारों के लिये किये गये आवेदन स्वतः ही निरस्त माने जायेंगे। अकादमी उपाध्यक्ष भरत ओला ने बताया कि अकादमी का सर्वोच्च सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार वर्ष 2019 में गद्य विधा, 2020 में पद्य विधा एवं 2021 में गद्य विधा में दिया जायेगा। सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार के तहत वर्ष 2019 के पुरस्कार हेतु राजस्थानी गद्य की पुस्तक 01 जनवरी 2013 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य प्रकाशित होनी चाहिए। 2020 के पुरस्कार हेतु राजस्थानी पद्य की पुस्तक 01 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2019 के मध्य प्रकाशित होनी चाहिए। 2021 के पुरस्कार हेतु राजस्थानी गद्य की पुस्तक 01 जनवरी 2015 से 31 दिसम्बर 2020 के मध्य प्रकाशित होनी चाहिए। अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि वर्ष 2019 के उक्त अन्य सभी पुरस्कारों के लिए राजस्थानी पुस्तकें 01 जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य प्रकाशित होनी चाहिए, वर्ष 2020 के अन्य सभी पुरस्कारों के लिए राजस्थानी पुस्तकें 01 जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2019 के मध्य तथा वर्ष 2021 के अन्य सभी पुरस्कारों के लिए राजस्थानी पुस्तकें 01 जनवरी 2018 से 31 दिसम्बर 2020 के मध्य प्रकाशित होनी चाहिए। केवलिया ने बताया कि पुरस्कार-आवेदन करने से पहले, नियमों का अध्ययन अवश्य कर लिया जाए। पुरस्कार नियम, आवेदन प्रारूप एवं अन्य जानकारी के लिए राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, मुरलीधर व्यास नगर, बीकानेर कार्यालय से व्यक्तिगत, ईमेल [email protected] अथवा टेलीफोन सं. 0151-2210600 से सम्पर्क किया जा सकता है। नियम व प्रारूपों की जानकारी अकादमी की वेबसाइट https://artandculture.rajasthan.gov.in/rbssa व अकादमी फेसबुक Rajasthani Bhasha Sahitya से भी प्राप्त की जा सकती है।
