
मनरेगा में सरपंच पर लगे धांधली,घोटाला-भ्रष्टाचार के आरोप






बिना काम किए रुपए उठाने का सरपंच पर लगाया आरोप
खुलासा न्यूज,बीकानेर। ग्रामीण अंचल क्षेत्र में रहने वाले लोगों को एक साल में 100 दिनों की गारंटी के साथ रोजगार देने के उद्देश्य से तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) धांधली, घोटाला व भ्रष्टाचार के सिरे चढ़ गई है। हालांकि वर्तमान में मनरेगा में नियोजित होने वाले श्रमिकों के खाते में सीधे पारिश्रमिक राशि डाली जा रही है। इसके बावजूद इस योजना के नियमों को धत्ता बताते हुए लोगों ने इसको कमाई का जरिया बना लिया है। कमोबेश इसी प्रकार का आरोप पूगल पंचायत समति के अन्तर्गत आने वाली अमरपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच मुरलीधर मोदी पर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए है। मंगलवार को बीकानेर जिला कलक्टर नमित मेहता से मिलकर ग्रामीणों ने सरपंच पर लगाए गए आरोपों से संबंधित मौके पर किए जा रहे कार्यों की सीडी, फोटो आदि दस्तावेज देते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
जिला कलक्टर को ग्रामीणों की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में सरपंच पर बिना काम किए ही कार्यों की राशि उठाने व मनरेगा के कार्यों में धांधली, घोटाला व भ्रष्टाचार किए जाने के गंभीर आरोप लगाए है। ग्रामीणों का दावा है कि मौके पर कोई काम नहीं हुआ है।
मनरेगा में ये है प्रावधान
मनरेगा में अधिकाधिक लोगों को काम देने के उद्देश्य से मशीनरी से काम करवाना पूर्णत: वर्जित है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बावजूद अमरपुरा सरपंच की ओर से मौके पर कार्य मशीनरी से करवाया जा रहा है। इसको लेकर लोगों ने कार्यों से संबंधित फोटो, वीडियो, सीडी आदि भी प्रशासन को उपलब्ध करवाई है। अब देखने वाली बात ये है कि इसमें प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।


