आखिर जिला कलक्टर-एसपी को हाईकोर्ट ने क्यों दिया नोटिस,पढ़े पूरी खबर
खुलासा न्यूज,बीकानेर। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर के न्यायाधीपति श्रीमती सबीना और न्यायाधीपति विनीत कुमार माथुर की खण्डपीठ के द्वारा निमिषा शर्मा की जनहित याचिका में मुख्य सचिव जयपुर व रेवेन्यू सचिव, जयपुर, जिला कलक्टर, बीकानेर तथा पुलिस अधीक्षक बीकानेर को 6 सितम्बर को उपस्थित होने के लिये नोटिस जारी किया है। संक्षेप में प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि पीटिशनर रानीबाजार निवासी निमिषा शर्मा द्वारा एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय, जोधपुर में, मार्फत अधिवक्ता गोपाललाल हर्ष एवं हरीशंकर श्रीमाली दायर की। जिसमें यह तथ्य अंकित किये कि प्राचीन समय से बीकानेर शहर में जलस्त्रोतों के रूप में काफ ी तालाब, बावडिय़ां, कुएं इत्यादि लोगों के जीवनयापन का जरिया था। आजादी से पूर्व इन तालाबों, बावडिय़ों व कुओं के जलस्त्रोतों से आम जनता को जलापूर्ति होती थी। रियासतकाल में राजाओं द्वारा इन तालाबों इत्यादि का रखरखाव व पानी की सुचारू आवक की व्यवस्था का पूर्णरूपेण ध्यान रखा जाता था जिससे जनता को पानी की पूर्ति हो सके। वर्तमान समय में सरकार द्वारा भी समय-समय पर अमृतजलम इत्यादि योजनाएं क्रियान्वित कर इन तालाबों इत्यादि प्राचीन जलस्त्रोतों के रखरखाव का बीड़ा उठाया गया और इन पर सरकारी कोष भी व्यय किये गये तथा आमआदमी ने भी इसमें पूरजोर भागीदारी निभाई। इसी क्रम में नाथसागर तालाब जो कि बेणीसर बारी के बाहर, वर्तमान में सूर्य कॉलोनी, बीकानेर में स्थित है जिसका सम्पूर्ण रिकॉर्ड प्रशासन के पास ना होने की वजह से सेवग समाज द्वारा पूरजोर यह दावा किया कि उक्त तालाब व उसकी आगोर सेवग समाज की है लेकिन पिछले काफी समय से नाथसागर तालाब की आगोर व नाथसागर सागर तालाब के पास स्थित श्री गोपनाथ जी महाराज की समाधी स्थल पर अतिक्रमीयों द्वारा अतिक्रमण कर नाजायज तरीके से इस तालाब के आगोर की जमीन को बेच भी दिया। उक्त प्राचीन धरोहर नाथसागर तालाब इत्यादि का स्वरूप ही बदल दिया। भूमाफियों द्वारा उक्त नाथसागर तालाब की आगोर व गोपनाथ जी महाराज के समाधी स्थल के आस पास के ऐरीया में अवैध अतिक्रमण कर उक्त आगोर को काफी मात्रा में समय-समय पर नष्ट कर दिया एवं उक्त जमीन को अवैध रूप से बेच भी दिया जिसकी शिकायत याचिकाकर्ता व स्थानीय लोगों द्वारा कई मर्तबा प्रशासन को मौखिक व लिखित रूप से की गई लेकिन प्रशासन ने इस तालाब व आगोर तथा उसके पर्यावरण तथा उसके सौन्दर्य इत्यादि-इत्यादि पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जिससे भूमाफियों के हौंसले बुलन्द हो गये एवं वर्तमान में भी भूमाफियों द्वारा बावजूद शिकायत लगातार नाथसागर की आगोर व श्री गोपनाथ जी महाराज के समाधि स्थल एरिया को खुर्द बुर्द करने हेतु आमादा है जिस पर उक्त नाथसागर तालाब की आगोर व श्रीगोपनाथ जी महाराज के समाधी स्थल की भूमि को संरक्षित करने के आशय से याचिकाकर्ता निमिषा शर्मा द्वारा उच्च न्यायलय, जोधपुर के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की जिस पर उच्च न्यायालय की खण्डपीठ द्वारा निराकरण कमेटी को 6 सितम्बर के उपस्थिति हेतु नोटिस जारी किये।