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यातायात के सभी नियम हमारी सुरक्षा हमारा कत्र्तव्य है: चारण

बीकानेर। बेसिक पी.जी. महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के विशेष शिविर के तीसरे दिन प्रथम सत्र में शिविर स्थल श्रीरामसर गांव में हर्षोल्लाव तालाब के आस-पास के परिसर में प्रभात फेरी लगाते हुए वहां के लोगों में साक्षरता के प्रति जागरूक किया।
रासेयो ईकाई द्वारा तीसरे दिन के दूसरे सत्र में स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियमों से जागरूक करने हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। मुख्य अतिथि यातायात प्रभारी प्रदीप चारण रहे। इस अवसर पर चारण ने छात्रों को संबोधित करते हुए यातायात नियमों के अन्तर्गत अलग-अलग रंग की लाईटों से अवगत कराया। उन्होनें युवा छात्रों एवं स्वयंसेवकों से अपील की कि वाहन को निर्धारित गति सीमा के अन्दर ही चलाना चाहिए। दो पहिया वाहन पर दो लोगों को ही बैठना चाहिए और हेल्मेट लगाना चाहिए। गाड़ी में भी सीट बैल्ट का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। लगातार लंब समय तक हॉर्न का प्रयोग नहीं करना चाहिए। श्री प्रदीप जी द्वारा छात्रों को प्रोजेक्टर पर वीडियो द्वारा भी यह संदेश दिया गया कि यातायात के सभी नियम हमारी सुरक्षा के लिए है और हमें इन्हें जिम्मेदारी से अपनाना चाहिए। प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने छात्रों को बताया कि देश के नागरिक होने के नाते हमारा कत्र्तव्य बनता है कि हम सड़क के यातायात नियमों का पालन करें। सड़क के किनारे अथवा नो पार्किग जॉन में अपनी गाड़ी को खड़ा न करें। सड़क पर पुलिया, जेब्रा क्रॉसिंग, यू-टर्न आदि संकेतों का पालन कर निर्देशानुसार ही ड्राइविंग करें। घनी आबादी, शिक्षा प्रतिष्ठान आदि के आगे से गुजरते समय गाड़ी की गति धीमे रखें और हॉर्न का उपयोग नहीं करे। प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि यदि हम वाहन चलाते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो दुर्घटना को कम कर सकते हैं जैसे भीड़भाड़ में हॉर्न का प्रयोग कम करना, मुडऩे से पूर्व संकेत देना, हैडलाईट का उपयोग करना, नाबालिग के हाथ में गाड़ी नहीं देना, पाठ्यक्रमों में सड़क सुरक्षा को गंभीरता से अध्ययन करवाना, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने वालों पर कार्यवाही करके हम यातायात के नियमों को प्रभावी ढंग से उपयोग में ला सकते हैं। व्याख्याता लियाकत अली ने बताया कि आम नागरिक प्रतिदिन कहीं भी आने-जाने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग करते हैं और प्रतिदिन सड़क हादसों के बहुत से किस्से भी सुनने को मिलते हैं।कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मुकेश ओझा ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि यातायात के नियमों से न केवल वाहनों का जीवन बढ़ता है बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या भी कम होती है। किसी भी दूर यात्रा पर जाने से पहले हमेशा प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, आपातकालीन उपकरण आदि वाहन में होने चाहिए।महाविद्यालय उप-प्राचार्य डॉ. सीमा चावला, व्याख्याता वासुदेव पंवार, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. कमलकांत शर्मा,मोहित गहलोत,विजय रंगा, वीरविक्रम आचार्य आदि भी उपस्थित रहे।

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