आखिर क्या करें जरूरतमंद,फोन उठाते ही भडक़ रहे निगम कार्मिक - Khulasa Online आखिर क्या करें जरूरतमंद,फोन उठाते ही भडक़ रहे निगम कार्मिक - Khulasa Online

आखिर क्या करें जरूरतमंद,फोन उठाते ही भडक़ रहे निगम कार्मिक

बीकानेर। कोरोना संक्रमण को लेकर जहां सरकार व जिला प्रशासन अति गंभीर है। वहीं नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी इतने लापरवाह है कि वे न तो आमजन के फोन उठा रहे है। इसकी शिकायत जब खुलासा ने की तो इसकी पुष्टि भी हुई। जिसमें एक कार्मिक अनिल जो अपने आपको वार्ड 65 का इंजार्च बता रहा है,को फोन लगाया तो उसने जानकारी देने की बजाय परेशान न करने की बात कही। जब हमारे संवाददाता ने निगम की ओर से खाना पहुंचाने के लिये जारी नंबरों में से किसी कार्मिक के गलत नंबर दे दिए,जो बंद मिले पर फोन किया तो यह फोन स्वीच ऑफ आया। इसके बाद 8946824419 पर फोन किया गया। जिसको अनिल नामक कार्मिक ने उठाया। जब संवाददाता द्वारा के बंद होने की शिकायत की तो अनिल ने पहले तो ये नंबर किसके है,इसकी अनभिज्ञता जताई। बाद में अपने फोन उठाने की बात पर उलझते हुए आप जैसे लोगों के परेशान करने की बात कहते हुए फोन काट दिया।
गंभीर विषय,पर निगम कार्मिक है लापरवाह
एक ओर कोरोना संक्रमण जैसी गंभीर महामारी से बचाव के लिये प्रशासन व राज्य सरकार जी जान से जुट हुआ है। वहीं दूसरी ओर निगम के ऐसे कार्मिकों के कारण आमजन को परेशान होना पड़ रहा है। उधर अधिकारी,पार्षदों,स्वयंसेवी संस्था के पदाधिकारियों ने अपने नाम न छापने की शर्ते पर बताया कि निगम के कुछ कार्मिक अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है। जबकि राज्य सरकार ने लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ कार्यवाही की बातें कर रहा है।
फोन नहीं उठाने की लगातार शिकायतें
बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से जारी निगम कार्मिक के अनेक नंबरों को नहीं उठाने की शिकायतें आ रही है। इस पर जेईएन उपेन्द्र मीणा ने बताया कि हमारे पास भी ऐसी कई शिकायतें आई है। लेकिन निगम के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। निगम कोशिश कर रहा है कि जो शिकायतें आ रही है उसका निस्तारण हो और इसके मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी करने के लिये प्रशासन को कहा गया है कि अन्य विभागों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग करवाई जाएं।
जनप्रतिनिधि भी नहीं है खुश
इस संकट की घड़ी में निगम के सानिध्य में बांटी जा रही खाद्य सामग्री,राहत सामग्री के वितरण को लेकर जनप्रतिनिधि खुश नहीं है। खुलासा से बातचीत में पार्षदों,पार्षद का चुनाव लड़ चुके जनप्रतिनिधियों व राजनेताओं ने स्पष्ट किया कि भामाशाह सामान पहुंचाने को तैयार है। परन्तु वितरण व्यवस्था सही नहीं होने से अब भामाशाह भी खाना व अन्य सामग्री अपने स्तर पर बांटने लग गये है। इनकी जनप्रतिनिधियों की शिकायत है कि निगम की ओर से जिनकी ड्यूटियों वार्ड स्तर पर लगाई गई है,वे जरूरतमंदों को राहत सामग्री नहीं पहुंचा रहे है। जिसकी वजह से भामाशाह अपने स्तर पर सामग्री बांटने की बात जिला प्रशासन के सामने कर रहे है। हालात ये है कि ग्रामीण स्तर पर भी ये समस्या सामने आ रही है कि भामाशाहों को बिना अनुमति राहत सामग्री बांटने से रोका जा रहा है।

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