आटा साटा कुप्रथा को खत्म करने के लिए एक बेटी ने दी अपनी बलि, सुमन ने सुसाइड नोट में लिखा…  - Khulasa Online आटा साटा कुप्रथा को खत्म करने के लिए एक बेटी ने दी अपनी बलि, सुमन ने सुसाइड नोट में लिखा…  - Khulasa Online

आटा साटा कुप्रथा को खत्म करने के लिए एक बेटी ने दी अपनी बलि, सुमन ने सुसाइड नोट में लिखा… 

जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में शादि विवाह को लेकर एक कुप्रथा कई वर्षों से चली आ रही है. प्रथा के अनुसार एक लड़के की शादी के लिए पहले सामने वाले (लड़की वालों के लड़के के लिए) एक लड़की देनी होती है या यूं कहें की लड़की के बदले लड़की मिलती है. इस प्रथा का चलन राजस्थान के कुछ ईलाकों में कुछ जयादा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है नागौर जिले में जहां पर आटा साटा कुप्रथा ने ए​क लड़की को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. इस कुप्रथा से 21 वर्षीय सुमन का जीवन मुरझा गया था और उसने मौत को गले लगाना ही उचित समझा.

मेरी चिता को छोटा भाई दे अग्नि: सुमन
राजस्थान की इस कुप्रथा (Malpractice) ने समाज को तो जिंदा मौत दे ही दी है, किंतु अभी भी यदि हम समझें और इसे बंद करने की पहल करें तो शायद आगे आनी वाली अपनी पीढ़ियों को ऐसा नहीं करना पड़ेगा. नागौर में आटा-साटा कुप्रथा ने एक विवाहिता की जिंदगी ले ली. आमतौर पर शादी के बाद लड़कियां अपने घर और जीवनसाथी के साथ खुश रहती हैं, लेकिन इस मामले 21 वर्षीय सुमन का जीवन मुरझा गया था. उसने खूब सपने संजोए थे, लेकिन उसे अपने सपनों का राजकुमार नहीं मिला था. सुमन की इस शादी से नाराजगी का अंदाजा उसके सुसाइड नोट से लगाया जा सकता है. उसने लिखा है कि मेरी चिता को मेरा छोटा भाई अग्नि दे.

कुएं में कूदकर की इहलीला समाप्त:
नागौर जिले के नावां थाने के ग्राम हेमपुरा में दो दिन पहले एक 21 वर्षीय शादीशुदा युवती सुमन चौधरी ने कुएं में कूद कर अपनी इहलीला समाप्त (Suscide) कर ली. सुमन ने शादी के बाद इसे ही नियति और अपना कर्म माना और समझौता कर लिया. पति उसे छोड़कर विदेश में पैसा कमाने चला गया, तो वह और टूट गई. मायके लौट आई और आठ महीने से यही रह रही थी.

घरवाले सुमन को दे रहे है मानिसक बीमार करार:
इस कुप्रथा का शिकार हुई सुमन के परिवार वाले अपनी गलती छुपाने के लिए इस बेटी को मानसिक बिमार करार देने में लगें हुए हैं. सुमन ने मरने से पूर्व एक सुसाइड नोट भी लिख छोड़ा है जिसने समाज में फैली गंदगी और एक बिन मर्जी की शादी के बाद लड़की के दिल पवर बीतने की पोल खेल दी है. सुमन ने सुसाइड नोट में लिखा कि सामाजिक कुप्रथा आटा-साटा ने लाखों लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है. इन प्रथाओं की वजह से लड़कियों को समाज में जिंदा मौत मिलती है और मेरी भी मौत का कारण समाज ही है. हालांकि परिवार की ओर से दी रिपोर्ट में बताया कि वह मानसिक रूप से परेशान थी. सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस भी जांच में जुट गई है.

परिजनों को अभी तक नहीं है अपनी गलती पर पछतावा:
सुमन की मौत के बाद उसके परिजनों को अपनी गलती पर अभी तक यानी इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी पछतावा नहीं है. वे अभी भी पुलिस और समाज को अपनी गलती छुपाने के लिए सुमन को ही दोषी करार दे रहे है. मृतका के चाचा ने पुलिस को बताया कि सुमन मानसिक रूप से बिमार थी और पिछले आठ महिनों से पीहर में ही रह रही थी. और उसने घर के पास बने कुएं में कूदकर जान दे दी.

ये लिखा है सुसाइड नोट में सुमन ने:
मेरा नाम सुमन चौधरी है. मुझे पता है सुसाइड करना गलत है, पर सुसाइड करना चाहती हूं. मेरे मरने की वजह मेरा परिवार नहीं, पूरा समाज है, जिसने आटा-साटा नाम की कुप्रथा चला रखी है. इसके कारण लड़कियों को जिंदा मौत मिलती है. इसमें लड़कियों को समाज के समझदार परिवार अपने लड़कों के बदले बेचते हैं.

समाज की नजरों में तलाक लेना गलत है तो आटा-साटा भी गलत है:
आप समाज के लोगों की नजरों में तलाक लेना गलत है, परिवार के खिलाफ शादी करना गलत है, तो फिर यह आटा-साटा भी गलत है. आज इस प्रथा के कारण हजारों लड़कियों की जिंदगी और परिवार पूरे बर्बाद हो गए हैं. इस प्रथा के कारण पढ़ी-लिखी लड़कियों की जिंदगी खराब हो जाती है. इसी प्रथा के कारण 17 साल की लड़की की शादी 70 साल के बुजुर्ग से कर दी जाती है. केवल अपने स्वार्थ के कारण.

मेरी बातें बनाने की जगह समाज से इस कुप्रथा के विरूद्ध आवाज उठाएं:
मैं चाहती हूं, मेरी मौत के बाद यह मेरी बातें बनाने की जगह, मेरे परिवार वालों पर उंगली उठाने की जगह, इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाएं. इस प्रथा को बंद करने के लिए शुरुआत करनी होगी. मेरी हर एक भाइयों को अपनी बहन राखी की सौगंध, अपनी बहन की जिंदगी खराब करके अपना घर न बसाए. आज इस प्रथा के कारण समाज की सोच कितनी खराब हो गई है कि लड़की के पैदा होते ही तय कर लेते हैं कि इसके बदले किसकी शादी करानी है.

आखिर क्या होता है ये आटा-साटा:
आटा-साटा एक सामाजिक कुप्रथा है. इस प्रथा में किसी एक लड़की की शादी के बदले ससुराल पक्ष को भी अपने घर से एक लड़की की शादी उसके पीहर पक्ष में करानी होती है. इसमें योग्यता और गुण नहीं बल्कि लड़की के बदले लड़की की सौदेबाजी होती है. वर्तमान समय में लोगों ने अपने बिगडैल, अनपढ़ या अन्य किसी कारण से उम्रदराज हो चुके लड़कों की शादी के लिए ऐसा किया जाता है. इसमें लड़के या लड़की में किसी प्रकार के गुण दोष नहीं देखें जाते. इसके चलते कई पढ़ी-लिखी जवान लड़कियों की शादी अनपढ़ और उम्रदराज लोगों से कर दी जाती है. जिसके चलते ऐसी कई लड़कियों की जिंदगी तबाह हो रही है.

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