
आवंटित भूखंड़ों को लेकर सरकार का नया फरमान,जानिये क्या






जयपुर।प्रशासन शहरों के संग अभियान से पहले सरकार उन भूखंडों के आवंटन निरस्त करेगी,जिन्होंने तय समयावधि में निर्माण नहीं किया है। नगरीय विकास विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए। सभी निकायों को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। यह आदेश नीलामी, चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आवंटित कराए गए भूखंडों और नियमन शिविर के जरिए लिए गए पट्टेशुदा भूखंडों पर भी लागू होगा। ऐसे मामले जिन पर फैसला राज्य सरकार स्तर पर होगा, उन्हें 31 अगस्त तक सरकार को भेजना होगा। इसके लिए तत्काल सर्वे शुरू किया जाएगा।ादेश में सभी निकायों को अपने पास उपलब्ध सूची के अनुसार सर्वे करना होगा। इसके बाद संबंधित भूखंडधारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस के आधार पर भूखंडधारी की आपत्ति-सुझाव सुना जाएगा, जिसके बाद भूखंड निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। विभाग के इस आदेश के पीछे प्रशासन शहरों के संग अभियान में काम का ज्यादा से ज्यादा आंकड़ा जुटाना भी है। खाली भूखंड पर निर्माण होंगे तो निर्माण स्वीकृति, लीज राशि जमा कराने से लेकर कई प्रक्रिया अपनानी होगी। सरकार इन प्रक्रियाओं को पहले ही अभियान ये जोड़ चुकी है। ऐसे में सभी काम अभियान का स्वत: ही हिस्सा हो जाएंगे।
ये दे रखी है निर्माण की अवधि
-नीलामी से आवंटित भूखंड पर निर्माण अवधि 5 वर्ष है। यह अवधिक कब्जा लेने के दिन से मानी जाएगी
-पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट, इंस्टीट्यूशन या अन्य संस्थानों को आवंटित भूखंड मामले में यह अवधि 4 वर्ष है
-कृषि से अकृषि उपयोग के लिए भूउपयोग परिवर्तन नियम के तहत जमीन का पट्टा जारी होने की तिथि से 4 वर्ष (पेनल्टी के साथ 10 वर्ष तक छूट का प्रावधान है)


