
स्टडीः Covid-19 से हो सकता है डायबिटीज, ये है असली वजह






Covid-19 से डायबिटीज हो सकता है. एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है. कोरोनावायरस पैंक्रियाज (Pancreas) यानी अग्नाशय पर हमला करता है. उसके अंदर इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है. इससे इंसान को डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है. पिछले साल बसंत के मौसम में न्यूयॉर्क शहर में जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए, उनके खून में शुगर का लेवल बढ़ा हुआ मिला. जिसे हाइपरग्लाइसीमिया (Hyperglycemia) कहते हैं. यह डायबिटीज का शुरुआती लक्षण माना जाता है.
वील कॉर्नेल मेडिसिन में स्टेम सेल बायोलॉजिस्ट शुईबिंग चेन ने कहा कि मेरी टीम ने देखा कि कोरोना से संक्रमित कुछ मरीजों के खून में शुगर का स्तर बढ़ा हुआ है. उन लोगों को भी यह दिक्कत आ रही थी, जिनकी मेडिकल हिस्ट्री में डायबिटीज का नामोनिशान नहीं था. ऐसे भी मरीज थे, जिन्हें कोरोना संक्रमण से पहले डायबिटीज नहीं था, लेकिन संक्रमण के बाद उन्हें डायबिटीज हो गया. ऐसा कोरोना संक्रमण से रिकवर होने के बाद हुआ.
यह बात पूरी दुनिया को पता है कि कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 सबसे ज्यादा नुकसान फेफड़ों और सांस लेने से संबंधित प्रणाली को पहुंचाता है. इससे एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस (Acute Respiratory Distress) होता है. लेकिन इसकी वजह डायबिटीज जैसी क्रॉनिक बीमारियां कैसे और क्यों हो रही हैं, यह अब भी वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के लिए रहस्य है. कोरोना संक्रमण के बाद बहुत से लोगों को डायबिटीज की दिक्कत आ रही है. जबकि, उन्हें पहले यह समस्या नहीं थी.
कनाडा के मैक्मास्टर यूनिवर्सिटी में पॉप्युलेशन हेल्थ रिसर्चर टी. सतीश कहते हैं कि उन्होंने पिछले साल एक स्टडी की थी. यह पूरी दुनिया में बीमार पड़े कोरोना मरीजों से संबंधित थी. उसमें सतीश ने देखा कि कोरोना संक्रमित लोगों में से करीब 15 प्रतिशत लोगों को संक्रमण के दौरान या बाद डायबिटीज की दिक्कत हो गई. जिनका शुगर लेवल पहले से बॉर्डर लाइन पर था, उनके लिए डायबिटीज का खतरा संक्रमण के बाद ज्यादा हो गया.


