
अब स्कूल-अस्पताल के 50 मीटर दायरे में नहीं खुलेंगे पेट्रोल पंप






जयपुर। राज्य में अब पेट्रोल पम्प लगाना आसान नहीं होगा। स्कूल और 10 बेड से अधिक वाले अस्पतालों के 50 मीटर दायरे में नया पेट्रोल पम्प लगाने की अनुमति नहीं मिलेगी। जिस जमीन के ऊपर हाईटे ंशन लाइन होगी, वहां भी पाबंदी रहेगी। लम्बे समय से अटके इस मामले को आखिर राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी। बिल्डिंग बायलॉज में भी शामिल करने के आदेश जारी कर दिए हैं।इसके बाद पेट्रोल पम्प के लिए भू-उपयोग परिवर्तन और अन्य अनुमति से जुड़े 150 से ज्यादा मामलों पर तलवार लटक गई है। इसके अलावा राज्य में पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से करीब 3 हजार एलओआइ (लेटर ऑफ इंटेट यानि आशय पत्र) जारी हो रखे हैं। इन्हें भी अब नए नियमों की पालना करनी होगी। एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नए पेट्रोल पंप लगाने के लिए गाइडलाइन जारी की थी।
मास्टर प्लान में भी दर्शाया गया एरिया भी शामिल
नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एनजीटी के आदेश के तहत यह किया गया है। इसमें मास्टर प्लान में दर्शाया गया एरिया भी शामिल होगा, भले ही वहां अभी आबादी बसी हो या नहीं, स्कूल या अस्पताल संचालित हो या नहीं। लेकिन स्कूल, अस्पताल या आवासीय योजना के लिए जगह चिह्नित है तो निर्धारित दायरे के भीतर भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जा सकेगी।
सवाल मांगते जवाब
-राज्य में अभी कई पेट्रोल पम्प स्कूल, अस्पताल से सटे हैं, क्या वे खतरा नहीं हैं।
-कहीं पेट्रोल पम्प पहले से संचालित है और उसी के नजदीक अस्पताल या स्कूल के लिए जमीन आवंटित है। या फिर वहां भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति है। ऐसी स्थिति में स्कूल, अस्पताल नहीं खोल सकेंगे। आदेश में यह स्पष्ट नहीं है।
अभी तक बायलॉज में यह थे प्रावधान
अभी तक बिल्डिंग बायलॉज में प्रावधान था कि भू-उपयोग कॉमर्शियल हो और सड़क चौड़ाई 80 फीट या इससे अधिक होनी आवश्यक है। सरकार भी जनहित में मानते हुए भू-उपयोग परिवर्तन भी जल्द कर देती थी।


