देवस्थान विभाग की संपत्तियों को किराएदार नहीं कर सकेंगे सबलेट

देवस्थान विभाग की संपत्तियों को किराएदार नहीं कर सकेंगे सबलेट

खुलासा न्यूज,बीकानेर। भगवान की संपत्तियों पर बैठकर मनमर्जी करने वाले किराएदारों पर अब बड़ी सख्ती बरती जाएगी। नाम मात्र के किराया वसूली की दर भी अब बदल जाएगी और किराएदारों के संपदा को सबलेट करने पर भी पूर्ण रोक लगाई जाएगी। प्रदेश में देवस्थान विभाग की संपत्तियों को किराया देने के लिए बनाई नई किराया नीति पर जल्द मुहर लग जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद नई किराया नीति का ड्राफ्ट तैयार कर मंथन किया जा रहा है। नई किराया नीति लागू होने के बाद ही इन प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी। जानकारी के अनुसार पुरानी नीति में कई खामियां है जिससे देवस्थान को कई जगह नुकसान उठाना पड़ता है। किराया बहुत कम होने से राजस्व भी कम मिलता,न्यूनतम 5 से 10 रुपए किराया भी है। किराएदार ही अपने स्तर पर संपदा को सबलेट कर देते थे। किराएदार सालों जमा रहते और मालिक बनकर बैठ जाते थे। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए कुछ माह पहले नई किराया नीति बनाने का निर्णय लिया गया था।
नई किराया नीति में यह खास होगा
– सबलेट पर प्रतिबंध होगा
– किराया दुगुना से तीन गुणा तक होगा
– नियम-शर्तों में बदलाव होगा
– सरकारी संपत्ति सरकार की रहेगी, इसके लिए सख्त प्रावधान
करोड़ों की आय होती, नई नीति से अच्छी आय होगी
प्रदेश व प्रदेश के बाहर देवस्थान विभाग के मंदिरों के अधीन दुकानों, आवासीय, व्यावसायिक परिसर किराए पर दिए हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 मे 3.95 करोड़, वर्ष 2019-20 में जनवरी, 2020 तक 3.95 करोड़ रुपए की आय हुई। इसके अलावा करीब 150 से ज्यादा संपत्तियों पर अवैध कब्जे है जिन पर विधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई चल रही है।

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