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प्रदेश में बीकानेर का डंका, कलक्टर गौतम ने गरीबों के सपने को किया साकार

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। पीएम आवास योजना के तहत प्रदेश में बीकानेर ने बाजी मारी है। बीकानेर जिला कलक्टर गौतम ने गरीबों के सपने को साकार किया है। कलक्टर गौतम ने गरीबों को अपना घर मुहैया कराने के लिए गंभीरता की वजह से प्रदेश में बीकानेर का डंका बजा है। बीकानेर जिले को आवंटित 12190 में से 12059 मकानों की स्वीकृति जारी कर अब तक 98.93 प्रतिशत लक्ष्य अर्जित कर लिया गया है।
प्रदेश में योजना का हाल ऐसा है कि सवाईमाधोपुर जिले में चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में चार माह बीत जाने के बाद एक भी जरूरतमंद आवेदक को घर मुहैया नहीं कराया गया है, जबकि इस जिले में 322 गरीबों ने पंजीयन कराया था। दिलचस्प बात यह है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केन्द्रीयांश की प्रथम किस्त भी जारी कर दी गई है, लेकिन आवंटित लक्ष्यों के अनुरूप प्रगति नहीं होने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने चिंता जताई है। सिंह ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी कलक्टर को लाभार्थियों को मकान के लिए राशि मिले यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

15 अगस्त की डेडलाइन
पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह की ओर से एक अगस्त को जारी आदेश में 15 अगस्त तक शत-प्रतिशत स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मनरेगा के तहत मस्टररोल जारी कर आवास निर्माणों का कार्य शुरू कराने को कहा है।

बीकानेर ने मारी बाजी
सूत्रों के अनुसार सरकार ने वर्ष 2019-20 में कुल तीन लाख चौसठ हजार मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर लक्ष्य आवंटित कर दिए थे। इसमें से 31 जुलाई तक मात्र 94416 मकानों की स्वीकृति जारी की गई है, जो मात्र 25.94 फीसदी है। उधर, बीकानेर जिले को आवंटित 12190 में से 12059 मकानों की स्वीकृति जारी कर अब तक 98.93 प्रतिशत लक्ष्य अर्जित कर लिया गया है। गरीबों को घर उपलब्ध कराने के मामले में दौसा, भरतपुर, चित्तौडगढ़़, धौलपुर का भी हाल खराब है। चार माह में दौसा में 9, भरतपुर में 10, चित्तौडगढ़़ में 12 व धौलपुर में मात्र 54 गरीबों को मकानों के लिए स्वीकृति मिली है।

हर सप्ताह मॉनिटरिंग कर सभी को दिए गए टारर्गेट को रिव्यू किया : कलक्टर गौतम
पात्र गरीबों को आवास मिले इसके लिए हमने आचार संहिता से पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी और हर सप्ताह मॉनिटरिंग कर सभी को दिए गए टारर्गेट को रिव्यू किया। कोई पात्र व्यक्ति वंचित ना रहे इसके लिए विशेष ध्यान दिया गया। इसी के परिणामस्वरूप हमने पूरे प्रदेश में सबसे अधिक लक्ष्य अर्जित किया है।
– कुमारपाल गौतम, जिला कलक्टर, बीकानेर

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