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बीकानेर: दावें है दावों का क्या…यह हालात न पहले सुधरे थे न अब सुधरे है

बीकानेर: दावें है दावों का क्या…यह हालात न पहले सुधरे थे न अब सुधरे है

बीकानेर। दावें है दावों का क्या…जी हां। एक तरफ तो जहां बड़ी-बड़ी बाते की जाती है। बजट में महापौर की ओर से बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती है। वहीं दूसरी तरफ शहर में जगह-जगह फैला कचरा नगर निगम के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है। इन जगहों को देखने से ऐसा लगता है मानों पिछले लंबे समय से यहां सफाई हुई नहीं है। शहर में 18 फरवरी पुष्करणा सावे का आयोजन होना है। लेकिन शहरी क्षेत्र में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर नगर निगम के दावों की पोल खोलते हुए नजर आ रहे है। इसको लेकर खुलासा की टीम ने शहर के बड़ा बाजार, घूमचक्कर, मोहता चौक, बीकाजी की टेकरी के पास सहित अन्य जगहों पर पहुंच हालात जानने की कोशिश की। तो यहां जगह-जगह कचरे के ढेर ही नजर आए। जबकि पुष्करणा सावे को देखने के लिए दूर-दराज से लोग यहां आते है। वहीं दूसरी ओर अब तक शहर में विधायक और निगम बोर्ड दोनों ही भाजपा के है। उसके बाद भी शहरी क्षेत्र में में इस तरह के हालात बड़े चिंताजनक है। पर्यटक स्थलों के आसपास भी गंदगी का आलम नजर आता है। जबकि हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक शहर का दीदार करने के लिए आते है। इसके बावजूद भी शहर में स्थिति यही बनी हुई है। स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार पिछड़ने का कारण भी कहीं न कहीं यही है। जगह-जगह लगे कचरे के ढेर में सबसे ज्यादा पॉलीथिन ही नजर आती है।

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