
पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान को 10 साल जेल:रैली में सीक्रेट लेटर दिखाने का मामला; तोशाखाना केस में 3 साल की सजा काट रहे







पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के लीडर शाह महमूद कुरैशी को सायफर केस में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। मंगलवार को रावलपिंडी में स्पेशल कोर्ट के जज ने अदियाला जेल में इसका ऐलान किया।
इमरान और कुरैशी की मौजूदगी में ही जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला सुनाया। पिछले साल से ही केस की सुनवाई अदियाला जेल में चल रही है। सुनवाई के दौरान जज जुल्करनैन ने PTI नेताओं से कहा कि उनके वकील अदालत में पेश नहीं हुए हैं और उन्हें सरकारी वकील दिए गए हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि कुरैशी और इमरान से धारा 342 के तहत सवाल पूछे गए थे। हालांकि, कुरैशी ने कहा कि उनके वकील मौजूद नहीं हैं तो वे अपना बयान नहीं दर्ज करा सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हैं। ऐसे में करीब 1 हफ्ते पहले आया यह फैसला इमरान के राजनीतिक करियर के लिए खतरनाक हो सकता है।

क्या है सायफर केस
अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद इमरान की तरफ से लगातार दावा किया गया कि उनकी सरकार गिराने के लिए अमेरिका और उस वक्त के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने साजिश रची। खान का आरोप है कि उन्हें इस साजिश की जानकारी अमेरिका में उस वक्त के पाकिस्तानी ऐंबैस्डर असद मजीद खान ने एक सीक्रेट लेटर के जरिए दी थी। डिप्लोमैटिक टर्म में इसी लेटर को सायफर कहा जाता है।
यह सायफर अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजा गया था। इमरान इस लेटर को साल 2022 में कई चुनावी रैलियों में लहराते हुए नजर आए थे। उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार को अमेरिका के इशारे पर फौज ने गिराया। कानूनी तौर पर ये लेटर एक नेशनल सीक्रेट होता है, जिसे सार्वजनिक जगह पर दिखाया नहीं जा सकता।
इसके अलावा खान का एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ था। इसमें इमरान, उस वक्त के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और चीफ सेक्रेटरी आजम खान की आवाजें थीं। फोरेंसिक जांच में यह साबित हुआ कि ऑडियो सही है, इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी। टेप में खान कुरैशी और आजम से कहते हैं- अब हम इस सायफर को रैलियों में दिखाकर इससे खेलेंगे।

तोशाखाना मामले में हुई थी 3 साल की जेल
इमरान खान को 5 अगस्त 2023 को तोशाखाना मामले में 3 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए खान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया था। इसके बाद लाहौर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
इसके अलावा खान के खिलाफ 15 केस ऐसे हैं, जिनमें उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। इसमें 9 मई 2022 को फौजी ठिकानों पर हमले का केस शामिल है। इसकी सुनवाई मिलिट्री कोर्ट में होनी है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के लिए मुफ्त जमीन लेने का केस भी है। ज्यादातर केस में चार्जशीट भी दायर नहीं हुई है। कुरैशी पर भी कई केस हैं।


