
तिरंगे में लिपटा शहीद ओमप्रकाश का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव






बीकानेर। अंबाला कैट हरियाणा में ड्यूटी के दौरान शहीद जवान ओमप्रकाश सारण के आंगन में परिजनों की आंखों से ओमप्रकाश के शहादत की खबर सुनने के बाद आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मां की ममता का आंचल अपने लाडले ओमप्रकाश को पुकार रहा था, मां की दहाड़ सुनकर लोगों का कलेजा फटा जा रहा था, घर के आंगन में पूरा गांव का गांव एकत्र होकर शहीद के आने का इंतजार आंखों ही आंखों में रात कटे और जब भोर हुई तो मां और पत्नी की नजरे उदास मन से द्वार की ओर टकटकी लगाए हुए थी। मां जिसने अपना दूध पिला कर बेटे ओमप्रकाश को जवान किया था, उसने तो दूध का कर्ज और माटी का कर्ज अदा कर दिया। जब पलाना गांव शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा तो पूरे गांव के गांव के लोगों के आंसू झरझर बहने लगे। शहीद की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के लोग भी पहुंच गए। हर किसी ने शहीद ओमप्रकाश को नम आंखों से विदाई दी।
इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर सुबह कैप्टन चन्द्र चौधरी स्मारक पर आमजन के दर्शन के लिए रखा गया, जहां लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद सैना के वाहन से शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पलाना ले जाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मालाओं से सजे सेना के वाहन के पीछे-पीछे चल रहे थे। कुछ दुपहिया वाहन पर तो कुछ फोर व्हीलर पर चले रहे लोग एक ही नारा लगा रहे थे- ‘ओमप्रकाश तेरा नाम अमर रहेगा’।
बीकानेर से पलाना गांव तक जगह-जगह बीच रास्ते में शहीद को श्रद्धांजलि दी गई। जिसमें स्कूली बच्चे भी शामिल थे। फिलहाल शहीद का पार्थिव शरीर पैतृम गांव पलाना पहुंच चुका है। जहां सेना के जवानों द्वारा सलामी देकर अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए आरएलपी प्रमुख व सांसद हनुमान बेनीवाल, ऊर्जा मंत्री भंवर ङ्क्षसह भाटी, दुष्यंता जोटाला सहित तमाम नेता भी पहुंचे।


