
जल्द ही इन जिलों में कलक्टरों के होगें तबादले, लिस्ट तैयार कभी भी आ सकते है आदेश






जयपुर। राजस्थान ब्यूरोक्रेसी में इस साल का सबसे बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। 30 जून को उषा शर्मा के रिटायरमेंट के साथ ही नए मुख्य सचिव के नाम की भी घोषणा होगी। रोचक बात ये है मुख्य सचिव की रेस में एक नए ढ्ढ्रस् की एंट्री हो गई है। साथ ही इस रेस से एक ऐसे ऑफिसर बाहर हो गए हैं, जो अबतक टॉप चार में बने हुए थे।
ब्यूरोक्रेसी में दूसरा बदलाव ये होगा कि टॉप लेवल के 50 से ज्यादा अफसरों के तबादले और पदस्थापन की लिस्ट तैयार कर ली गई है। इस लिस्ट में कई जिलों के कलेक्टर भी बदले जाएंगे। जो अफसर एक साल से छुट्टियों पर विदेश या अन्य जगह थे, उनमें से 4 ढ्ढ्रस् राजस्थान लौट आए हैं, उन्हें भी इसमें पोस्टिंग दी जाएगी।
इसके साथ ही उषा शर्मा को मुख्य सचिव की पोस्ट से रिटायर होने के बाद नई जिम्मेदारी देने की भी तैयारी कर ली गई है, लेकिन पेच ये है कि उस पोस्ट के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खासमखास आईएएस भी प्रमुख दावेदार बनकर उभरे हैं।
अब सवाल ये है कि राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में अचानक से इतना बड़ा बदलाव क्यों किया जा रहा है? उषा शर्मा के बाद नया मुख्य सचिव कौन होगा? इसके अलावा क्या बदलाव किए जा रहे हैं, आइए जानते हैं इस स्पेशल रिपोर्ट मेंज्।
4 राजस्थान लौटे : राजन विशाल, इंद्रजीत व नेहा विदेश गए थे विदेश, आनंधी भी मसूरी से आईं जयपुर
आईएएस अफसर इंद्रजीत सिंह व नेहा गिरी पिछले एक वर्ष से न्यूजर्सी (अमेरिका) में हायर स्टडीज के लिए गए हुए थे। हाल ही इंद्रजीत सिंह को 31 मई को मास्टर इन पब्लिक पॉलिसी में डिग्री मिली है। नेहा गिरी उनकी पत्नी हैं। नेहा एक वर्ष से अवकाश पर थीं। अब दोनों ही अधिकारी वापस राजस्थान आ गए हैं। उनका पदस्थापन जल्द ही किया जाएगा।
उधर, लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (मसूरी) में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर राजस्थान काडर की आईएएस अफसर आनंधी दिसंबर-2020 से कार्यरत थीं। अब वे भी जयपुर लौट आई हैं। उन्हें भी जल्द ही पोस्टिंग दी जाएगी। इसके अलावा राजन विशाल जून-2022 तक जयपुर के कलेक्टर के पद पर थे, वे विदेश में स्टडी के लिए चले गए थे। अब लौट गए हैं। उन्हें भी नियुक्ति दी जाएगी।
इन जिलों के बदले जा सकते हैं कलेक्टर
टोंक, बाड़मेर, पाली, जालोर जिलों के कलेक्टर बदले जाने की चर्चाएं अभी से तेज हैं। चारों जिलों के कलेक्टरों के बदले जाने के कारण अलग-अलग हैं। टोंक में चिन्मई गोपाल, बाड़मेर में अरुण कुमार पुरोहित, पाली में नमित मेहता व जालोर में निशांत जैन कलेक्टर हैं। चिन्मई टोंक में अप्रैल-2021 से कलेक्टर हैं। वे इस सरकार के कार्यकाल में एक ही जिले में दो वर्ष से ज्यादा कार्यरत पहली कलेक्टर हैं। अब चुनावी वर्ष को देखते हुए उनका बदलाव तय माना जा रहा है।
बाड़मेर कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित आरएएस से प्रमोट होकर एक वर्ष पहले ही आईएएस बने थे। उन्हें मई-2023 में कलेक्टर लगाया गया था, लेकिन हाल ही जब सीएम गहलोत बाड़मेर के दौरे पर गए थे, तो उन्होंने वहां जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की थी। यहां तक कि उनके हाथ में जो माइक था वो खराब हो गया था, तो उन्होंने कलेक्टर के सामने ही गुस्सा जाहिर करते हुए माइक को उनकी तरफ जमीन पर पटक दिया था। इससे पहले ऐसा ही एक वाकया दो महीने पहले अजमेर में हुआ था, तब भी सीएम ने तत्कालीन अजमेर कलेक्टर अंशदीप पर नाराजगी जाहिर की थी। उसके एक महीने बाद ही अंशदीप का तबादला हो गया था।
जालोर और पाली के कलेक्टरों के कामकाज से सीएम गहलोत व टॉप ब्यूरोक्रेसी खुश है। जालोर में निशांत जैन और पाली में नमित मेहता क्रमश: जनवरी-2022 और अप्रेल-2022 से कलेक्टर हैं। हाल ही जब बिपरजॉय चक्रवाती तूफान आया तो सीएम गहलोत ने पश्चिमी राजस्थान के चार जिलों में दौरा किया था। वहां जालोर और पाली में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सीएम ने प्रशंसा की और संतुष्टि जताई।
पाली कलेक्टर मेहता को तो हाल ही राज्य स्तर पर सीएम गहलोत द्वारा पुरस्कृत भी किया गया था। दोनों ही कलेक्टरों की अब तक स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा कोई शिकायत भी नहीं। ऐसे में उन्हें चुनावी वर्ष में अब किसी बड़े जिले में कलेक्टर लगाया जा सकता है। हालांकि इनके अलावा भी कई और जिलों के अफसर इधर से उधर हो सकते हैं।


