
बीट कांस्टेबल का ई-बुक में होगा हिसाब-किताब, आईजी व एसपी भी देख देखेंगे व्यवस्था






धौलपुर। राजस्थान पुलिस में बीट व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। नवीन बीट प्रणाली पूरी तरह से हाईटेक होगी और संबंधित कांस्टेबल का तबादला होने पर नए कांस्टेबल को रिकॉर्ड के लिए वापस नए सिरे से मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। अब बीट क्षेत्र का हिसाब-किताब ई-बुक में रहेगा और बीट कांस्टेबल नवीन जानकारी मौके से ही मोबाइल के जरिए अपडेट कर सकेगा। विशेष बात ये है कि रेंज पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक भी किसी बीट की स्थिति देखना चाहते हैं तो उन्हें कांस्टेबल को कार्यालय नहीं बुलाना पड़ेगा और मोबाइल पर पूर्ण जानकाारी मिल सकेगी। फिलहाल ये व्यवस्था प्रदेश के कुछ ही जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई है जिसमें धौलपुर भी शामिल है। प्रोजेक्ट सफल रहा तो आने वाले समय में बीट व्यवस्था का ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा। यह व्यवस्था जिले में करीब दो माह पहले शुरू हुई है।
कौन वीआईपी और कितने एटीएम, सबका रहेगा हिसाब
पुलिस महकमे में बीट प्रणाली खासी महत्व रखती है। जिस बीट का कांस्टेबल होता है उसे क्षेत्र के प्रमुख लोगों के नाम व उनके मोबाइल नम्बर रखने होते हैं। जिसमें वार्ड पार्षद, सरपंच, सेवानिवृत पुलिस अधिकारी, व्याख्याता, चिकित्सक इत्यादि शामिल हैं। साथ ही क्षेत्र की कितनी आबादी है और इलाके में पेट्रोल पंप, एटीएम, दुकान, शोरुम, मॉल, सिनेमा हॉल आदि की जानकारी भी रखना होता है। इसके अलावा किसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है तो उस शख्स के बारे में जानकारी जुटाना आदि कार्य भी होता है। साथ थाना पुलिस को गिरफ्तारी या हाजिर कराने में मदद करनी होती है। क्षेत्र में कोई व्यक्ति कोई गुप्त सूचना या जानकारी देना चाहता है तो वह संबंधित बीट कांस्टेबल से संपर्क कर सकता है। इसलिए बीट कांस्टेबल को पुलिस की आंख, कान व नाक होता है और वह जनता व पुलिस विभाग के बीच समन्वय का कार्य करता है।
तबादला होने पर नए कांस्टेबल को आती थी मुश्किल
इलाके के बीट कांस्टेबल का तबादला होने पर नए कांस्टेबल को जानकारी जुटाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती थी। उसे नए सिरे से रिकॉर्ड बनाना पड़ता था और क्षेत्र की जानकारी जुटानी पड़ती थी। लेकिन ई-बुक में रिकॉर्ड संधारण होने से अब स्थानांतरण होने पर कांस्टेबल को आसानी से पूर्ण जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। तबादला होने पर नवीन कांस्टेबल को सिमकार्ड और ई-बुक के लॉग-इन व पासवर्ड देने होंगे। जिसके बाद दूसरा कांस्टेबल उसे ऑपरेट कर सकेगा।


