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देहदान कर अमर हो गए रिखबचंद सोनावत, मौत के बाद बीकानेर मेडिकल कॉलेज को सौंपा शरीर

खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । बीकानेर के भीनासर निवासी रिखबचंद सोनावत पुत्र सूरजमल सोनावत ने भीनासर स्थित अपने निवास में अंतिम सांस ली। चिकित्सकों के अनुसार अब उनकी देह न्यूनतम आगामी 1-2 वर्ष तक सुरक्षित रहेगी। मेडिकल कॉलेज बीकानेर में उनकी देह पर अध्ययन होता रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार देह लेने के अपने नियम कायदे हैं। कॉलेज में एक बार देह लेने के बाद उसकी पहचान उजागर नहीं की जाती। ना ही अन्य जानकारी साझा की जाती है।

स्वर्गीय रिखबचंद के साले गंगाशहर निवासी पुखराज चौपड़ा पुत्र चुन्नीलाल चौपड़ा ने बताया कि आज उनके सबसे बड़े जीजा रिखबचंद सोनावत ने भीनासर स्थित अपने निवास में अंतिम सांस ली। वे 81 वर्ष के थे मगर बिल्कुल स्वस्थ थे। उनकी इच्छानुसार परिजनों ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ गुंजन सोनी को सूचित किया। चिकित्सकों की एक टीम सोनावत के घर पहुंची। सुबह 11 बजे उनका शव मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने रिखबचंद की देह को सुरक्षित रखने की सारी तैयारी कर रखी थी। इस दौरान समस्त परिजन मेडिकल कॉलेज तक उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।

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