
अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट्स फिर हड़ताल पर, मरीज हुए परेशान






बीकानेर। ऑल राजस्थान रेजिडेंट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में पीबीएम अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार सुबह नौ बजे से ग्यारह बजे तक कार्य बहिष्कार किया। इस बाद वे ड्यूटी टाइम में काली पट्टी बांधकर अपना रोष जाहिर किया। इस कार्य बहिष्कार के दौरान आपातकालीन सेवाएं सुचारू रही। जिसमें लेबर रूम, इमरजेंसी तथा आईसीयू वार्ड आदि शामिल थे। वहीं, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पी.के. सैनी का दावा है कि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की दो घंटे की हड़ताल के चलते विभागध्यक्षों व सीनियर्स चिकित्सकों को जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसके चलते इलाज को लेकर किसी मरीज को परेशानी नहीं हुई। हालांकि हकीकत यह है कि इस दो घंटे की हड़ताल के दौरान ओपीडी में कुछ डॉक्टर्स की कुर्सियां खाली पड़ी नजर आई, जिसके कारण डॉक्टर्स कक्ष के बाहर लंबी लाइनों में खड़े मरीज डॉक्टर्स का इंतजार करते हुए दिखाई दिये। कुछ मरीज हाथों में पर्चियां लिये इधर-उधर भटकते भी दिखे। इस अव्यवस्था का एक बड़ा कारण यह भी है कि पीबीएम अस्पताल के पास इतने सीनियर चिकित्सक नहीं है जो एक समय में सभी मरीजों को देख सके। यहां लंबे समय से सीनियर चिकित्सकों की बड़ी कमी खल रही है। यही कारण है यहां की अधिकांश जिम्मेदारी रेजिडेंट्स के कंधों पर रहती है।
एसोसिएशन के बीकानेर अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि रजिडेंट डॉक्टर्स का नौ महीने पहले चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के साथ मांगों पर समझौता हुआ था, लेकिन अभी तक सरकार उस समझौते को लागू नहीं कर पाई, जिससे चिकित्सकों में रोष व्याप्त है और यही वजह है कि आज रेजिडेंट्स को मजबूर दो घंटे का कार्य बहिष्कार करना पड़ा। साथ ही मांगों का एक ज्ञापन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के माध्यम से चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव को भिजवाया गया। डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि यह कार्य बहिष्कार तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगे लागू नहीं हो जाती। साथ ही डॉ. राजेश ने यह भी बताया कि अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी और समझौते को लागू नहीं किया तो रेजिडेंट्स पूर्णतया हड़ताल पर चले जाएंगे।


