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जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर बंद होगा

जॉनसन एंड जॉनसन 2023 तक पूरी दुनिया में अपने बेबी टैल्कम पाउडर को बेचना बंद कर देगी। कंपनी का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई से परेशान हो चुकी है। छ्व&छ्व का टैल्कम ​​​​​​पाउडर अमेरिका और कनाडा में सालभर पहले ही बंद हो चुका है।
कंपनी के इस बेबी पाउडर का इस्तेमाल करने से कैंसर होने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद कंपनी के खिलाफ मई 2020 में दुनियाभर में हजारों केस दायर हो गए। यही नहीं, कैंसर की आशंका वाली रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रोडक्ट की बिक्री में भी भारी गिरावट दर्ज की गई थी। अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी।
टैल्क क्या होता है?
टैल्क एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला मिनरल है, जो पृथ्वी से निकाला जाता है। इसमें मैग्नीशियम, सिलिकॉन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन होता है। रासायनिक रूप से, टैल्क एक हाइड्रोस मैग्नीशियम सिलिकेट है, जिसका केमिकल फॉर्मूला रूद्द3स्द्ब4ह्र10(ह्र॥)2 है। कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में टैल्क का इस्तेमाल होता है। इसका इस्तेमाल नमी को सोखने के काम आता है।
टैल्क से कैंसर के खतरे के आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, जहां से टैल्क को माइन करके निकाला जाता है, वहीं से एस्बेस्टस भी निकलता है। एस्बेस्टस (अभ्रक) भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सिलिकेट मिनिरल है, लेकिन इसका एक अलग क्रिस्टल स्ट्रक्चर होता है। ये शरीर को नुकसान पहुंचाता है। जब टैल्क की माइनिंग की जाती है तो उसमें एस्बेस्टस के भी मिलने का खतरा रहता है।
कंपनी पाउडर को सेफ बता रही
कंपनी ने खुद भी अपने पाउडर पर रिसर्च की और दावा किया कि उसका बेबी टैल्कम पाउडर सेफ है। छ्व&छ्व ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने सभी बेबी पाउडर प्रोडक्ट में टैल्कम पाउडर के बजाय कॉर्नस्टार्च का उपयोग करने के लिए “कॉमर्शियल डिसीजन” लिया है।
कंपनी को पेमेंट करने के लिए मजबूर किया जा रहा
कोर्ट फाइलिंग में, छ्व&छ्व के लॉयर ने बताया है कि कंपनी पिछले पांच साल में सिर्फ मुकदमों में 1 बिलियन डॉलर (करीब 7968 करोड़ रुपए) से ज्यादा पेमेंट कर चुकी है। कंपनी के बैंकरप्सी की फाइलिंग के मुताबिक, छ्व&छ्व को सेटलमेंट के मामलों को सुलझाने के लिए अब तक करीब 3.5 बिलियन डॉलर (28 हजार करोड़ रुपए) का पेमेंट करने के लिए मजबूर किया गया है।
सेंट लुइस में राज्य की कोर्ट के बाहर 2018 के जूरी के फैसले ने छ्व&छ्व को उन 20 महिलाओं को 2.5 बिलियन डॉलर (20 हजार करोड़ रुपए) का पेमेंट करने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने अपने ओवरी के कैंसर के लिए इसके बेबी पाउडर को टारगेट किया था। मिसौरी सुप्रीम कोर्ट और स् सुप्रीम कोर्ट दोनों ने फैसले को पलटने से इनकार कर दिया।
1894 से बिक रहा है पाउडर
1894 से बेचा जा रहा जॉनसन बेबी पाउडर फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था। 1999 से कंपनी की इंटरनल बेबी प्रोडक्ट डिवीजन इसका मार्केटिंग रिप्रेजेंटेशन करती थी।

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