
नए जिलों के प्रस्तावों से सियासी हलचल तेज:9 नए जिलों के प्रस्ताव






जयपुर। राजनीतिक दबाव के चलते ही प्रदेश में पिछले 14 सालों में दो कमेटियां बनी, लेकिन सत्ता में भाजपा रही या फिर कांग्रेस, जिला एक भी नहीं बन सका। अगले साल चुनाव भी हैं। ऐसे में यह दिलचस्प रहेगा कि आखिर लॉटरी किस-किस की लगती है, क्योंकि किसी भीविधायक के लिए पांच साल के कार्यकाल का इससे बड़ा अचीवमेंट नहीं हो सकता है। नई कमेटी के सामने जो 9 नए प्रस्ताव आए हैं इनमें 3प्रस्ताव उन विधायकों के हैं, जो संकट के समय सरकार के साथ खड़े थे। 4 प्रस्ताव सचिन पायलट के समर्थक रहे विधायकों के हैं। वहीं, दोमंत्री भी शामिल हैं।ऐसे में नए जिलों के गठन को लेकर सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। संबंधित विधायक या नेता संशोधित प्रस्ताव तक कमेटी के सामनेपहुंचा रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा शासन में 50 जिलों के प्रस्ताव मिले थे, जो कांग्रेस सरकार की तरफ से बनाई गई कमेटी के सामनेबढक़र 59 हो गए हैं। यानी साढ़े तीन साल में नौ प्रस्ताव बढ़े हैं।खंडेला : महादेव सिंह खंडेला यहां से विधायक हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते भी। गहलोत केनजदीकी और यही वजह है कि निर्दलीय होने के बावजूद किसान आयोग के अध्यक्ष बनाए गए। यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।नगर : वाजिब अली यहां से बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर आए। फिर साथी विधायकों के साथ कांग्रेस में विलय कर लिया। संकट केसमय भी सरकार के साथ खड़े रहे। वाजिब का सरकार से इनाम का इंतजार है। उधर, नए जिले का प्रस्ताव कमेटी में आया है।दूदू : जयपुर से दूदू को जिला बनाने का प्रस्ताव पहली बार कमेटी के सामने आया है। बाबूलाल नागर यहां से निर्दलीय विधायक हैं। कांग्रेसके विश्वासपात्रों में शामिल हैं। इसलिए सीएम के सलाहकार बनाए गए। कमेटी को तीन महीने में दूसरी बार प्रस्ताव दिया है।
कतार में 2 मंत्री और 4 विधायक
नए जिलों के प्रस्तावों में सांचौर एवं गुढ़ामालानी का नाम भी शामिल हैं। गुढ़ामालानी से पायलट समर्थक हेमाराम चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं,वहीं सांचौर से सुखराम विश्नोई राज्य मंत्री हैं। इसी तरह विधायक इंद्राज गुर्जर के विधानसभा क्षेत्र विराटनगर, मुकेश भाकर के क्षेत्र लाडनूंऔर भंवरलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र सरदारशहर का नाम शामिल है। नए नामों में भींडर भी शामिल है, यहवल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र मेंआता हैं जहां से प्रीति गजेंद्र सिं शक्तात उपचुनाव में जीतकर आई हैं।


