
जिले में 10 हजार से अधिक बच्चे नहीं ले सकेंगे नर्सरी में प्रवेश






हनुमानगढ़। राज्य सरकार ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं को इस बार भी आरटीई के दायरे से बाहर कर दिया है। यानी, इस बार भी शिक्षा सत्र 2022-23 में राइट टू एजुकेशन के तहत पिछली बार की तरह निशुल्क प्रवेश पहली क्लास से ही होंगे। इसमें 5 से 7 साल के बच्चे आवेदन कर सकेंगे। बता दें कि निशुल्क प्रवेश के क्राइटेरिया में राज्य सरकार ने दो साल पहले ही बदलाव किया था। जिले भर के करीब 980 स्कूलों में 10 हजार बच्चे इस बार आरटीई के तहत प्री-प्राइमरी कक्षाओं में एडमिशन नहीं ले सकेंगे।
यही वजह है कि नियम बदलने के बाद पिछले दो साल में प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क एडमिशन में कमी आई है। वहीं प्री-प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर करने का खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ा है, जिनके पेरेंट्स निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकते हैं। बच्चों की पढ़ाई जल्दी शुरू नहीं हो पाने पर ऐसे पेरेंट्स फिर से प्री प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
कमजोर आय वर्ग के अभिभावकों को नुकसान
कमजोर आय वर्ग वाले अपने बच्चों को 3 साल में स्कूल भेजने की बजाय उनके 5 साल का होने का इंतजार करते रहे। क्योंकि सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से पढ़ाई होती है। वहां प्री-प्राइमरी स्कूल का कॉन्सेप्ट ही नहीं है। हालांकि इस सत्र से महात्मा गांधी स्कूलों में प्री-प्राइमरी क्लास शुरू हो रहे हैं, लेकिन सिर्फ जिला मुख्यालयों पर।
प्राइवेट में प्री-प्राइमरी आरटीई से बाहर, महात्मा गांधी स्कूलों में शुरू की
ख़ास बात यह है कि राज्य सरकार ने 2 साल पहले प्री-प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर कर दिया। दूसरी ओर राज्य के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में इस साल से प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई है। वहीं, सीएम की बजट घोषणा के मुताबिक पहले चरण में सभी 33 जिला मुख्यालयों पर संचालित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में इसी सत्र से पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू हो गई। पूर्व प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम की अवधि 3 वर्ष है। इसमें 3 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चों को प्रवेश दिया गया है।
ये है आरटीई के तहत एडमिशन का नियम
प्राइवेट स्कूल में पहली क्लास में निशुल्क प्रवेश में उन स्टूडेंट्स को प्राथमिकता मिलती है जो उस वार्ड के निवासी हैं। यदि ऐसे आवेदनों की संख्या कम हो तो अन्य वार्ड के बच्चों को वरीयता के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। 5 से 7 साल तक के बच्चे आवेदन कर सकते हैं। आयु की गणना 31 मार्च 2022 के आधार पर होगी। पेरेंट्स की वार्षिक आय 2.50 लाख या इससे कम हो।


