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बिजली कटौती पर सियासत शुरू, मुख्यमंत्री गहलोत बोले- डिमांड के अनुसार नहीं मिलेगी बिजली

जयपुर. राजस्थान में बिजली कटौती को लेकर सियासत शुरू हो गई है। वहीं मुख्यमंत्री ने भी डिमांड के बराबर बिजली सप्लाई करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने आज बीजेपी के सभी ग्रिड सब स्टेशनों पर बिजली कटौती के विरोध में प्रदर्शनों के बीच केंद्र और भाजपा नेताओं को निशाने पर लिया है। गहलोत ने केंद्र सरकार पर मांग के हिसाब से राज्यों को कोयला सप्लाई नहीं करने को बिजली संकट का कारण बताया है। गहलोत ने चार ट्वीट करके बिजली संकट पर लोगों से जरूरत के हिसाब से ही बिजली काम में लेने की अपील भी की है।

गहलोत ने लिखा. राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण काम कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का काम कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केंद्र सरकार का है। क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केंद्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं हैंए जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है।

कोयले की सप्लाई नहीं, यह राष्ट्रीय संकट
गहलोत ने लिखा. देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी हैए इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही हैए जिसके कारण आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है। यह एक राष्ट्रीय संकट है। इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें। अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर.जरूरी बिजली उपकरणों को बंद रखें। अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें।

केंद्र को जिम्मेदार ठहराकर सियासी बहस छेड़ी
कोयला संकट के कारण प्रदेश के कई पावर प्लांट बंद हैं। बिजली की डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर होने के कारण गांव और शहरों में लगातार कटौती जारी है। कमी के कारण राजधानी सहित सभी संभाग मुख्यालयों पर एक घंटेए जिलों में दो घंटेए कस्बों में तीन घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 6 घंटे तक की बिजली कटौती की जा रही है। बिजली कटौती के विरोध में बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर है। इस बीच अब गहलोत ने कोयला संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराकर सियासी बहस छेड़ दी है। बिजली कटौती के मुद्दे पर अब कांग्रेस.बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरू हो चुकी है।

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