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गुनाह नहीं गुस्से से खतरा: सुरक्षा मांगने बीकानेर के तीन जोड़े हाईकोर्ट पहुंचे, हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश

खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर सहित प्रदेश में लिव इन रिलेशनशिप वाले जोड़ों पर खतरे के मामले चौंकाने वाले हैं। पिछले 3 माह में ही हाईकोर्ट में बीकानेर के 3 जोड़ों ने परिवार वालों से जान का खतरा बताकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। प्रदेश में  76 जनों (38 कपल)  शादी किए बिना एक-दूसरे के साथ रहते हैं।  इससे घरवाले खफा हैं। इनमें 3 कपल तो शादीशुदा हैं और अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। इन विवाहित युवतियों ने अपने-अपने पति से जान बचाने की अदालत से मांग की है। इनमें 30% यानि 11 युवतियां, युवकाें से 5 से 15 साल तक बड़ी हैं। हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि पुख्ता सुरक्षा दिलाएं।

30% युवतियां, युवकों से बड़ी
प्रेम विवाह कर हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगने वाले युगलों में 30 प्रतिशत यानि 38 कपल लिव इन रिलेशनशिप वाले हैं। इनमें भी 30 प्रतिशत यानि 11 युवतियां, युवकाें से 5 से 15 साल तक बड़ी हैं।

बीकानेर 3, हनुमानगढ़ के 7 
हाईकोर्ट पहुंचने वाले इन कपल में से 15 तो अकेले जोधपुर के हैं। हनुमानगढ़ के 7, जालोर 4, पाली 3, बीकानेर 3, श्रीगंगानगर 3 और बाड़मेर, सिरोही व चूरू के 1-1 कपल हैं। दो विवाहित युवतियां जोधपुर व एक जालोर की है।

समाज में अनैतिक मानते हैं लेकिन कानूनन अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट

  • पहली बार बद्रीप्रसाद बनाम डिप्टी डायरेक्टर ऑफ कंसोलिडेशन के मामले में लिव इन रिलेशनशिप को वैध माना।
  • लता सिंह बनाम यूपी राज्य के मामले में माना कि लिव इन रिलेशनशिप अनैतिक माना जाता है लेकिन कानून में अपराध नहीं।
  • खुशबू बनाम कनैम्मल व अन्य के एक अन्य चर्चित मामले में माना कि साथ रहना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार है। इस प्रकार समाज में अनैतिक माने जाने के बावजूद यह कानून की नजर में अपराध नहीं है।
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