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नियम बदले : अब घर बैठे नहीं मिलेगा बेरोजगारी भत्ता , ये होंगे नए नियम

राजस्थान में ग्रेजुएट बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की शर्तों को सरकार ने सख्त कर दिया है। बेरोजगारी भत्ता लेने के लिए सरकारी ऑफिस/सरकारी योजना में रोज इंटर्नशिप के तौर पर 4 घंटे काम करना होगा। यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू हो जाएगी। इसके लिए राजस्थान स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( RSRLDC) से 3 महीने का कोर्स भी करना होगा। इसके बिना भत्ता नहीं मिलेगा। जो बेरोजगार युवा पहले से भत्ता ले रहे हैं, उन्हें भी 1 जनवरी से पहले यह कोर्स और इंटर्नशिप करनी होगी।

अभी बेरोजगार युवाओं को घर बैठे ही भत्ता मिलता रहा है। पुरुष बेरोजगार को हर महीने 4 हजार और महिला बेरोजगारों को 4 हजार 500 रुपए भत्ता मिल रहा है। इसके लिए ग्रेजुएट होने, परिवार की सालाना आय 2 लाख से कम होने की शर्त है। अब नई शर्तें जोड़कर इस योजना में बदलाव किया गया है। श्रम, नियोजन और रोजगार विभाग ने मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के प्रावधान बदलने के आदेश जारी कर दिए हैं। ये प्रावधान 1 जनवरी से लागू होंगे।

सामान्य वर्ग के बेरोजगारों को 30 साल तक और आरक्षित वर्ग के बेरोजगारों को 35 साल तक की उम्र तक ही बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है। एक परिवार में केवल दो ही बेरोजगारों को भत्ता देने का नियम है। प्राइवेट या सरकारी नौकरी लगते ही भत्ता बंद कर दिया जाता है। किसी भी तरह की गलत जानकारी देने पर मुकदमा दर्ज कराया जाता है। हर साल 1 अप्रैल से 30 जून तक रोजगार पोर्टल पर आवेदन लिए जाएंगे। यहां रजिस्टर्ड बेरोजगारों का भत्ते के लिए जुलाई में चयन होगा। एक साल में केवल 2 लाख बेरोजगारों को ही भत्ता मिलेगा। अधिक उम्र के बेरोजगारों को चयन में प्रायोरिटी दी जाएगी। क्योंकि, सामान्य वर्ग के बेरोजगार युवा 30 साल और आरक्षित वर्ग के युवा 35 साल की उम्र के बाद बेरोजगारी भत्ते के पात्र नहीं हैं।

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