
अब 15 मुहूर्त में चूके तो फिर 15 जनवरी 2022 का करना होगा इंतजार






बीकानेर। अबूझ सावे के रूप में मान्य देव प्रबोधिनी एकादशी से समूचे मारवाड़ में हजारों की संख्या में विवाह समारोह की धूम रहेगी। क्षीर सागर में सोए भगवान विष्णु जागने के दिवस देव प्रबोधिनी एकादशी को किसी प्रकार के ग्रहबल की आवश्यकता नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। घराती-बारातियों के साथ बैण्डवादक, पंडित, कंदोई, टेंट व्यवसायी, घोड़ीवाले, डेकोरेटर्स भी व्यस्त हो गए है। इस बार कोविड गाइडलाइन के कारण विभिन्न समाजों के सामूहिक विवाह नहीं हो पाएंगे। इस बार 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 15 मुहूर्त होंगे। इस इन मुहूर्त में चूके तो कुंआरों को 15 जनवरी 2022 तक मुहूर्त का इंतजार करना पड़ेगा। कम मुहूर्त होने के कारण अधिकांश स्थानों पर मैरिज गार्डन, होटल में लोगों को मनचाही तारीख की बुकिंग नहीं मिल रही है। पंडितों के पास भी मुहूर्त की सभी तारीखें बुक हो चुकी है। राज्य सरकार की गाइडलाइन में 200 लोगों तक अनुमति दी गई है लेकिन यह संख्या बढऩे की उम्मीद है।
अब दिसंबर तक बचे विवाह के 15 मुहूर्त
इस साल 19 नवंबर से 13 दिसंबर तक केवल 15 विवाह के मुहूर्त है। इस अबूझ मुहूर्त में भी बड़ी संख्या में लग्न होते है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह के आयोजन ज्यादा होते है। ऐसे में देवउठनी एकादशी से शादियां प्रारंभ हो जाएगी। नवंबर-दिसंबर में 15 दिन के शादियों के मुहूर्त में समूचे मारवाड़ में करीब पांच हजार से अधिक जोड़े शादी के बंधन में बंधेंगे। नवंबर-दिसंबर में 15 दिन रहेगी सावों की धूम जुलाई में देवशयन होने के बाद 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर विवाह मुहूर्त के साथ शादियों का दौर फिर शुरू होगा। नवंबर में 7 और दिसंबर में 15 तारीख के पहले तक विवाह के सिर्फ 8 मुहूर्त ही होंगे।
नवंबर-19, 20, 21, 26, 28, 29 व 30
दिसंबर-1, 2, 5, 6, 7, 11, 12 व 13
मळमास 16 से
15 नवंबर को चातुर्मास का समापन होगा। इसके साथ शुभ कार्य शुरू होगें। 16 दिसंबर 2021 से 13 जनवरी 2022 तक धनु संक्रांति का मलमास रहेगा।
सीजनल कारोबारी के चेहरे खिले
शादी के आयोजन से कई तरह के रोजगार जुड़े हैं। सीधे तौर पर केटरिंग बैंड-बाजे, मैरिज प्लेस संचालक, घोड़ी, टेंट और किराना कपड़ा ज्वेलरी का कारोबार होता है। नवंबर से शुरू होने वाले शादी के सीजन को बैंड एव डीजे घोड़ी, टेंट जैसे कारोबार शादियों में ही चलते हैं। अब उम्मीद है कि रोजगार के अवसर बढ़ेगे।


