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ईसीबी का गड़बड़ घोटाला सामने आया

बायोमैट्रिक के बजाय मैन्युअल उपस्थिति से ठेकेदार को किया अतिरिक्त भुगतान
बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल की मैस का 40 लाख रुपए से अधिक का अतिरिक्त भुगतान बायोमैट्रिक के बजाय मैनुअल उपस्थित मान कर ठेकेदार को करने का मामला सामने आया है। जयनारायण व्यास कॉलोनी निवासी विजय शर्मा ने आरटीआई में इंजीनियरिंग कॉलेज से इसके दस्तावेज निकलवाए तो इसका खुलासा हुआ। शर्मा ने कॉलेज प्रशासन और ठेकेदार पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत एसीबी में की है। उधर, कॉलेज प्रिंसिपल का कहना है कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में डिस्कशन के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट विजय शर्मा का आरोप है कि निविदा शर्तों के अनुसार छात्रों की उपस्थिति बायोमैट्रिक मशीन से अनिवार्य थी। उसके बावजूद कॉलेज प्रशासन ने नियम को तोड़-मरोड़कर बिना बायोमैट्रिक उपस्थिति के औसतन 40 लाख से अधिक अतिरिक्त भुगतान ठेकेदार को कर दिया। ठेकेदार ने मैन्युअल उपस्थिति के आधार पर 71 लाख से अधिक का बिल 15 मार्च 2018 तक के पेश किए थे, जबकि बाद में हॉस्टल विभाग ने बायोमैट्रिक उपस्थिति भी प्रस्तुत कर दी। उसके अनुसार भुगतान करीब 29 लाख 50 हजार का बनता था। प्रशासन ने एक कमेटी बनाकर गवर्निंग बॉडी को भी गुमराह किया। जबकि कॉलेज के चीफ वार्डन ने इस भुगतान को अनियमित माना था।
भुगतान के लिए बनी थी कमेटी
मैस के भुगतान को लेकर प्रिंसिपल ने चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने अपनी अनुशंसा में स्पष्ट लिखा है कि पूर्व चीफ वार्डन ने पत्रावली पर नोट डाला था कि एक दिसंबर 2017 में बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन तकनीकी कारणों से नहीं हा़े सका। मैस भुगतान की फाइल से कुछ पैरा गायब थे। कुछ पैरा बदलकर वापस एक से शुरू किया गया था। 2015 से पूर्व की भुगतान सूचना भी कमेटी को नहीं मिली। तत्कालीन संभागीय आयुक्त एवं प्राचार्य के आदेश के बाद भी मैस का संचालन छात्रों के बजाय प्रशासन कर रहा था। मैस ठेकेदारों को भुगतान भी कभी चैक तो कभी सेल्फ चैक से किया गया। लेखाधिकारी और बीओजी ने इसे अनुमोदित करने से मना किया था। उसके बावजूद भुगतान कर दिया गया। पूर्व डिप्टी चीफ वार्डन ने एजी ऑडिट का हवाला देते हुए बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही मैस भुगतान के लिए लिखा था, लेकिन इसके बावजूद अधिकांश समय बिना बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर भुगतान किया जाता रहा है। इन तथ्यों के आधार पर कमेटी ने हास्टल के सिस्टम को दुरुस्त करते हुए रजिस्टर के आधार पर उपस्थिति की गणना कर ठेकेदार को भुगतान करने की अनुशंसा कर दी।

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