मॉनसून और सर्दी के मौसम में तेजी से फैलेगा कोरोना वायरस का संक्रमण! इसलिए सही साबित हो सकती है ये स्टडी
जयपुर। अब आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स के डॉक्टरों की संयुक्त स्टडी में यह दावा किया जा रहा है कि मॉनसून और सर्दियों के सीजन में कोरोना वायरस तेजी से फैल सकता है। इस स्टडी का दावा क्यों सच हो सकता है? इस बारे में हम आपको यहां बताएंगे। कोरोना वायरस का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और अभी भी इसका इलाज की ना तो कोई सटीक दवा मिली है और ना ही इसकी वैक्सीन आने की कोई संभावना दिख रही है। कोरोना वायरस के ऊपर पूरी दुनिया में रिसर्च चल रही है और इस बारे में रोज नई जानकारी मिल रही है। इसी बीच एक स्टडी के दौरान यह पता चला है कि मॉनसून और सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस संक्रमण से के फैलने की स्थिति में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं कि यह स्टडी कहां की गई है और कोरोना वायरस मानसून और सर्दी के मौसम में क्या रूप लेने जा रहा है। इसके साथ-साथ हम आपको इस बारे में भी बताएंगे कि इस स्टडी का दावा क्यों सच साबित हो सकता है। कोरोना वायरस के ऊपर भारत में भी कई वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम संयुक्त रूप से काम कर रही है ताकि इसके इलाज के लिए किसी सटीक दवा को खोजने में मदद मिले या फिर जल्द से जल्द किसी वैक्सीन को बनाने में सफलता प्राप्त की जा सके। इसी बीच कई स्टडी के दौरान नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं जिनके बारे में हमें पहले से ही सतर्क रहने की जरूरत है। आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स के डॉक्टरों ने संयुक्त स्टडी करने के बाद इस बारे में जानकारी दी है कि आने वाले समय में यह वायरस और भी कहर बरपा सकता है। स्टडी के अनुसार, कोरोना वायरस मॉनसून और सर्दी के समय में और भी तेजी से बढ़ेगा। आईआईटी भुवनेश्वर में स्कूल ऑफ अर्थ, ओसियन एंड क्लाइमेट साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर वी विनोज के नेतृत्व में इस स्टडी को किया गया है। स्टडी के अनुसार तापमान गिरने के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की स्थिति काफी अनुकूल हो जाती है।
क्यों सही साबित हो सकती है यह स्टडी
के अनुसार, तापमान कम होने के कारण किसी भी प्रकार के संक्रमण और फ्लू के फैलने का खतरा, गर्म मौसम के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है और इस स्टडी में भी इसी बात की आशंका जाहिर की गयी है। फिलहाल ठंड देशों के मुकाबले देखा जाए तो भारत भी संक्रमण फैलने की दर गर्मियों में काफी कम थी लेकिन बारिश के मौसम में तापमान गिरने के साथ ही संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। इस बात को अगर सामान्य रूप से ही समझने की कोशिश करें तो सर्दियों के लिए हमें अभी से तैयार होने की जरूरत है।