
ऑनलाइन क्राइम की चपेट में आ रहे युवा, आपराधिक ग्रुप कर रहे युवाओं का पथभ्रष्ट






बीकानेर/महाजन। सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आई क्रांति सेजहां विज्ञान ने असंभव को संभव बना दिया है। वहीं इसके दुरुपयोग ने युवावर्ग को मकड•ााल में फंसाकर जीवन बर्बाद कर दिया है।उपखण्ड क्षेत्र में नजर डालें तो ऐसे सैकड़ों युवा है जो साइबर क्राइम के जाल में फंसकर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं और आपराधिक श्रेणी में भी आ रहे हैं। मोबाइल यूजर से लेकर कम्प्यूटर तक युवा ऑनलाइन क्राइम की चपेट में आ रहे हैं। गौरतलब है कि उपखण्ड क्षेत्र में हजारों ऐसे युवा है जो प्रतिदिन मोबाइल डिजीटल से लेकर ऑनलाइन वेबसाइट पर सक्रिय रहते है। फेसबुक व अन्य सोशल नेटवर्क पर कई आपराधिक ग्रुप सक्रिय है जो इन युवाओं को अपनी जद में आसानी से ले रहे हैं। पढऩे-लिखने की उम्र में युवा सोशल नेटवर्क पर अवैध हथियारों के साथ फोटो पोस्ट अपलोड कर आपराधिक श्रेणी में आ रहे है। दिखावे के लिए डाली ये फोटो युवाओं को पथभ्रष्ट कर रही है।
बड़ी तादाद में युवा आ रहे हैं जद में
हाल ही जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाए गए ऑपरेशन साइबर क्लीन अभियान के तहत महाजन पुलिस ने पिछले दो दिनों में तीन युवाओं को ऐसे मामलों में गिरफ्तार कर मामले दर्ज किए है। इन मामलों के बाद कई युवा तो आनन-फानन में ऐसे ग्रुपों से स्वत: ही हटने लगे है। बड़ी संख्या में युवा किसी न किसी प्रकार की ऑनलाइन ठगी व साइबर क्राइम के शिकार हो चुके हैं। क्षेत्र में ग्रामीणों के पास मोबाइल पर बैंक खाते में लाखों रुपये जमा होने के संदेश उपभोक्ताओं को मिल रहे हैं। पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए एक लिंक भी दिया होता है। इन संदेशों के चक्कर में भी निरक्षर ग्रामीण ठगी के शिकार बन जाते है। संदेश देखने में बैंक द्वारा भेजा हुआ प्रतीत होता है लेकिन उसका लिंक खोलने पर उपभोक्ता ठगी का शिकार हो जाते है। नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के भी कई मामले पूर्व में सामने आ चुके है। इनके अलावा फेसबुक से युवतियों की फोटो लेकर गलत तरीके से अपलोड करने के मामले तो आम हो चुके हैं। सामरिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण महाजन क्षेत्र में तो सेना के मूवमेंट की जानकारी लेने के लिए अक्सर लोगों के पास पाकिस्तान व अन्य नम्बरों से फोन आते हैं।
ये हैं साइबर क्राइम के प्रकार
साइबर बुलिंग, साइबर ग्रुमिंग, ऑनलाइन गेम, ई-मेल धोखाधड़ी, ऑनालाइन लेनदेन, सोशल नेटवर्किंग आदि साइबर क्राइम के तहत आते हैं।
इनका कहना है
साइबर क्राइम प्रशासन के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी चुनौती बन गया है। साइबर क्राइम का एकमात्र बचाव सावधानी ही है। युवाओं व अन्य नागरिकों को सावधान होकर संचार क्रांति का उपयोग करना चाहिए। सोशल मीडिया पर आपराधिक ग्रुपों से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। युवाओं को समय रहते सावचेत हो जाना चाहिए।
रमेश कुमार न्योल, सीआइ महाजन पुलिस।


