आप मुझे जिताएं, मैं आपको जितवाऊंगा ... - Khulasa Online आप मुझे जिताएं, मैं आपको जितवाऊंगा ... - Khulasa Online

आप मुझे जिताएं, मैं आपको जितवाऊंगा …

बीकानेर। नगर निगम के लिए मतदान के बीच अब महज चंद घंटे का फासला रह गया है। उम्मीदवार और उनके समर्थक जीत के लिए हरचंद कोशिशें कर रहे हैं। प्रत्याशी और पार्टियों के नेता वार्डों की परिक्रमा करने में जुटे हैं। इस बीच मजबूत सामाजिक ताने-बाने वाले बीकानेर में यह विचित्रता देखने को मिल रही है कि, आपस में सटे हुए वार्डों से लेकर दूर-दराज तक के क्षेत्रों में प्रत्याशी एक हाथ दे, दूसरे हाथ ले की तर्ज पर वोट जुटाने की जुगत भी लगा रहे हैं। आसपास आए वार्डों में तो यह राजनीतिक गुणा-भाग बहुत ज्यादा मायने रख रहा है।

रिश्तेदारियां और जातीय समीकरण्
शहर की पूर्व तथा पश्चिम विधानसभा के कम से एक दर्जन से ज्यादा वार्ड ऐसे हैं, जहां लोगों की रिश्तेदारियां और जातीय समीकरणों की बिसात बिछी हुई हैं। यहां एक ही पार्टी के उम्मीदवार तो आपस में सामंजस्य बैठा कर एक-दूूूसरे के लिए वोटों का इंतजाम कर ही रहे हैं, विपरीत दलों के प्रत्याशी व निर्दलीय और उनके समर्थक भी पीछे नहीं हैं। जातियों और रिश्तेदारियों का धु्रवीकरण होने से यह मुकाबला काफी रोचक हो रहा है।

कांटे की टक्कर में भितरघात का खतरा
शहर के कुछेक वार्डों को छोडकऱ अन्यों में कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया जा रहा है। 8 वार्ड ही ऐसे हैं जहां सीधा मुकाबला है, बाकी जगहों पर त्रिकोणात्मक अथवा बहुकोणीय संघर्ष है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के बागी भी दम ठोंक रहे हैं। साझा रिश्तेदारियों व जातिगत आधिक्य की वजह से उम्मीदवारों को भितरघात का खतरा बना हुआ है। मतदाता आपसी रिश्तों को बचाने के चलते सबको ‘हांÓ ही कह रहे हैं। जब 19 तारीख को नतीजे आएंगे तब वे सबको चौंकाने वाले साबित हो सकते हैं।

वोट ट्रांसफर के दावे
इस बार नगर निगम चुनाव में वोट ट्रांसफर करने के दावे भी खूब बढ़-चढकऱ किए जा रहे हैं। रिश्तेदारियों और जातिगत आधार पर एक वार्ड के प्रत्याशी दूसरे वार्ड के उम्मीदवार को वोट ट्रांसफर करवाने में भी जुटे हैं। यहां भी एक हाथ दे, दूसरे से ले वाला सिद्धांत काम में लिया जा रहा है। जातिगत समीकरण का अहम हिस्सा होने से अपने क्षेत्र में अनुकूल माहौल बनाने के लिए एक प्रत्याशी के प्रचार में दूसरे प्रत्याशी को देखा जाता रहा हैं। एक-दूसरे के वार्डों में जाकर जनसंपर्क करने से जातिगत समीकरणों के असर को समझा जा सकता है। वैसे चुनावी माहौल में नब्ज टटोलने, अपने भाग्योदय के लिए संभावनाएं तलाशने व कमजोरियों को समय रहते दूर करने के लिहाज से दूसरे वार्ड क्षेत्रों में प्रत्याशियों की आवाजाही बनी हुई है।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26