
“खून का कतरा-कतरा बहा देंगे पर समाज की जमीन पर आंच नहीं आने देंगे, देना होगा मुआवजा






खुलासा न्यूज,बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ में नगरपालिका की ओर से की गई कार्यवाही का अब विरोध बढऩे लगा है। जिसके चलते सारस्वत समाज ने आरपार की लड़ाई का मानस बना लिया है। समाज ने नेताओं ने यहां तक कह दिया है कि खून का कतरा कतरा बहा देंगे पर समाज की जमीन पर आंच नहीं आने देंगें।सारस्वत समाज की संस्था अखिल राष्ट्रीय सारस्वत समाज कुण्डिया अग्रणी महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यनारायण तावणियां ने पालिका की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि पार्टियां अपनी राजनीति के पैतरें कहीं ओर आजमाएं, समाज के साथ किए गए अन्याय के लिए हम ईंट से ईंट से बजा देंगे। तावणियां ने कहा कि यह भूमि माली परिवार द्वारा समाज को दान दी गई थी एवं संस्था ने समाज के सहयोग से यहां पर करीब 1.5 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए है। इसमें से 75 लाख रुपए का अंशदान तो समाज के भामाशाहों से प्राप्त किया था और बाकी का सहयोग संस्था के पदाधिकारियों का रहा। समाज का पैसा लगा कर यहां पर मिट्टी भराव करवाया गया, चारदीवारी करवाई, ट्यूबवेल बनवाया गया, पौधारोपण किया गया एवं यज्ञशाला बना कर विश्व शांति के लिए पगला बाबा के सानिध्य में लाखों रुपए खर्च कर विष्णु महायज्ञ का आयोजन भी हजारों श्रद्धालुओं के साथ किया गया था। मौके पर सरसजी महाराज मंदिर, सारस्वत भवन एवं सारस्वत छात्रावास हेतु भूमि पूजन भी किया जा चुका था एवं समाज के सहयोग से शीघ्र ये कार्य भी करवाए जाने थे। ऐसे में अगर भूमि विवादित थी तो उस समय प्रशासन ने क्यों नहीं रोका। अब यह कार्रवाई राजनैतिक रूप से समाज के साथ द्वेषता रखते हुए की गई है एवं समाज के साथ घोर अन्याय हुआ है। ऐसे में अब सम्पूर्ण विप्र समाज एकजुट होगा और नगरपालिका की गैरकानूनी कार्रवाई का विरोध हम श्रीडूंगरगढ स्तर से लेकर जयपुर, दिल्ली तक करेंगे। सारस्वत समाज ही नहीं पूरा विप्र समाज इसमें साथ रहेगा और श्रीडूंगरगढ़ प्रशासन ने जो इसका नुकसान किया है उसका मुआवजा भी भरना होगा। उन्होंने कहा कि यज्ञशाला तोड़ने, पौधे उखाड़ने एवं भवन, मंदिर, छात्रावास हेतु भूमिपूजन किए गए स्थल का अनादरण करने से ना केवल सारस्वत बल्कि सम्पूर्ण विप्र समाज, हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है एवं आस्था के साथ किए गए खिलवाड़ के खिलाफ न्याय के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाने की तैयारी है।


