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परीक्षा से ही पास होंगे पढ़ेसरी,इस तरह होगें अंक विभाजन

सीबीएसई और आरबीएसई लिये तय हुए मापदंड
खुलासा न्यूज,बीकानेर। कोरोना की वजह से अस्तव्यस्त हुए शैक्षणिक सत्र के बीच शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 के सत्र के लिए मूल्यांकन व कक्षोन्नति संबंधी निर्देश जारी कर विद्यार्थियों को राहत दी है। इसमें पहली से बारहवीं तक कक्षाओं को चार अलग-2 समूह में बांटा गया है। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन गृहकार्य को मूल्यांकन में शामिल किया है। गृहकार्य के साथ प्रयोगशाला में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी कार्रवाई करने के लिए उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक बार विद्यालय आना होगा। हालांकि,विभाग ने इसे अनिवार्य न कर समस्या समाधान और मार्गदर्शन के दौरान स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की भांति ही लागू किया है।
5वीं,8वीं,10वीं और 12वीं कक्षाओं की होगी बोर्ड परीक्षा
हर वर्ष की भांति इस साल भी 5वीं, 8वीं,10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें कक्षा 3 से 5 के लिए वार्षिक परीक्षा में 50 फीसदी अंक आंतरिक मूल्यांकन,10 प्रतिशत अंक मौखिक परीक्षा व 40 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के होंगे। इसी तरह कक्षा 6 से 8 के लिए आंतरिक मूल्यांकन 40 प्रतिशत अंकों का होगा। शेष 60 फीसदी में से दस प्रतिशत अंक मौखिक परीक्षा व 50 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के होंगे।
फरवरी के अंत तक मिलेंगी कार्य पुस्तिकाएं
शिक्षा विभाग कक्षा 1 से 8 के समस्त विद्यार्थियों के लिए कार्य पुस्तिकाएं तैयार करवा रहा है। विभाग का दावा है कि यह कार्य पुस्तिकाएं फरवरी-2021 माह के अंत तक विद्यार्थियों तक पहुंचा दी जाएंगी। ये कार्य पुस्तिकाएं स्माइल-2 के तहत दिए गए गृहकार्य तथा उस आधार पर तैयार पोर्टफोलियो वार्षिक परीक्षा का भाग होगा। जबकि कक्षा 1 व कक्षा 2 के विद्यार्थियों का मूल्यांकन भी इसी प्रकार किया जाएगा।
कम हुए निबंधात्मक प्रश्न,बहु वैकल्पिक शामिल
कक्षा 9 से 12 के लिए समस्त विद्यार्थियों के लिए कक्षोन्नति का आधार वार्षिक या बोर्ड परीक्षा होगी। परीक्षा में 20 प्रतिशत अंक आंतरिक मूल्यांकन व 80 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के होंगे। वहीं 11 वीं 12वीं में प्रायोगिक विषयों में आंतरिक मूल्यांकन के अतिरिक्त शेष अंकों का 20 फीसदी भाग प्रायोगिक का होगा। कोविड के कारण बाधित तैयारी को देखते हुए साल प्रश्न पत्रों में प्रश्नों के संख्या व प्रकार में भी बदलाव किया जाएगा। जिसमें बहु वैकल्पिक प्रश्नों को शामिल करने के साथ-2 निबन्धात्मक प्रश्नों की संख्या को कम किया गया है।
सीबीएसई को विद्यार्थियों को मिली बड़ी राहत
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे छात्रों को अपनी पढ़ाई के हुए नुकसान के चलते, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्‍त समय दिया जाएगा। छात्रों और अभिभावकों को एक लाइव सेशन में संबोधित करते हुए शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह घोषणा की. उन्‍होंने कहा कि परीक्षाएं मार्च में ही हों, ऐसा जरूरी नहीं है। परिस्थितयों के अनुसार परीक्षा की डेट्स पर फैसला लिया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय अप्रैल या उसके बाद भी बोर्ड परीक्षाएं आयोजि‍त करा सकता है।
निशंक ने बीते सप्‍ताह सोशल मीडिया पर छात्रों से इस वर्ष की बोर्ड परीक्षा के संबंध में सुझाव मांगे थे. इसके बाद बड़ी संख्‍या में छात्रों और अभिभावकों ने शिक्षामंत्री से परीक्षाएं रद्द करने अथवा स्‍थगित करने की मांग की थी. छात्रों का कहना था कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते स्‍‍कूल बंद होने से उनका फिजिकल क्‍लासेज़ का काफी नुकसान हुआ है और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्‍त समय नहीं मिल पाया है. छात्रों की इस दुविधा का समाधान करते हुए शिक्षामंत्री ने छात्रों को आश्‍वासन दिया है कि परीक्षा की तैयारी के समय पर्याप्‍त दिया जाएगा।
उन्‍होंने यह भी कहा कि एग्‍जाम डेट्स की घोषणा के समय इस बात का पूरा ध्‍यान रखा जाएगा कि हृञ्ज्र की किसी भी प्रवेश परीक्षा की डेट प्रैक्टिकल एग्‍जाम्स की डेट के साथ क्‍लैश न हों. परीक्षाएं इस वर्ष घटे हुए सिलेबस पर आयोजित की जानी हैं. छात्रों को हुए पढ़ाई के नुकसान के चलते बोर्ड ने इस वर्ष का सिलेबस पहले ही कम कर दिया था।

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