यूनिवर्सिटी, कोर्स बदलना होगा आसान, बनेगा नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक






बीकानेर। जल्द ही ये संभव हो सकेगा कि छात्र एक यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले और कोर्स दूसरी यूनिवर्सिटी में पूरा करें। या फिर एक कोर्स को बीच में छोड़ कर बिना साल गंवाए कोई दूसरा कोर्स पकड़ सकेंगे। असल में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमशिन यूजीसी एकेडमिक के्रडिट बैंक का कॉन्सेप्ट तैयार कर रही है। जिसको यूजीसी ही मैनेज करेगा। इस स्कीम के तहत अब छात्रों को परफॉर्मेंस के आधार पर एकेडमिक के्रडिट मिलेगा। छात्र इस के्रडिट के जरिए अपना कोर्स और यूनिवर्सिटी भी बदल पाएंगें। छात्रों को अपने के्रडिट यूजीसी को देने होगे। इसमें के्रडिट ट्रांसफर की भी व्यवस्था होगी। के्रडिट बैंक डिग्री और क्रेडिट वेरिफिकेशन भी करेगा। यूजीसी ने नेक बैक पर सुझाव मांगे है। ये स्कीम शुरूआत में सिर्फ पीजी प्रोग्राम में लागू होगी। इस पर एक पायलट प्रोजेक्ट 2021 सत्र से शुरू हो सकता है।
ये व्यवस्था लागू होने परे छात्र आसानी से यूनिवर्सिटी बदलने के लिए अपने के्रडिटस का इस्तेमाल कर सकेंगे। दूसरी यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए के्रडिट का इस्तेमाल हो सकेगा। इसके साथ ही छात्र अपनी यूनिवर्सिटी में कॉलेज या कोर्स भी आसानी से बदल पाएंगे। इससे दूसरे कोर्स की के्रडिट से दूसरे क्षेत्र में पढ़ाई भी संभव होगी। इससे कोर्स या विशय बदलने पर समय बचेगा। बीच में पढ़ाई छोड़ी तो के्रडिट बाद में भी काम आएंगे। यूजीसी ने नेशनल एकेडमिक के्रडिट बैंक की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। नैक बैंक बन जाने के बाद एक संस्थान के छात्र किसी दूसरे मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थान से मनपंसद कोर्स कर सकेंगे और उसका के्रडिट उनके मु य कोर्स में जुड़ जाएगा।
नैक बंैक अगले अकादमिक सत्र से काम करना शुरू कर देगा। यूजीसी के सूत्रों के अनुसार नई शिक्षा नीति के अनुरूप ही नैक बैंक की कल्पना की गई है। यह एक केंद्रीय डिपॉजिटरी होगा। जिसमें छात्रा अर्जित किए गए क्रेडिट स्कोर को रखा जाएगा। नैक बैंक की सहायता से छात्र देश के किसी भी कोने से के्रडिट देने वाले कोर्स गतिविधि कर सकेंगे। इसके लिए छात्रों को नैक बैक में खाते खुलवाने होंगे, जो ऐच्छिक होगा। सूत्रों के अनुसार यदि कोई बीएससी करने वाली छात्रा मान्यता प्राप्त संस्थान से भरतनाट्यम सीखती है या फोटोग्राफी का कोर्स करती है तो इसके लिए निर्धारित के्रडिट उसके नैक बैंक में स्थिति खाते में जमा हो जाएगा और आगे ये के्रडिट उसके मु य कोर्स के के्रडिट से जुडज़ाएगा। अलग-अलग विषयों के के्रडिट की अलग-अलग आयु सीमा होगी और उस के्रडिट को उसकी आय ुसीमा समाप्त होने से पहले इस्तेमाल करना होगा। मु य कोर्स से इतर विषयों के जरएि अधिकतम 20 फीसदी के्रडिट ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।


