फिजियोथैरेपि विभाग में रखरखाव एवं शुद्ध वातवरण के लिए हुआ यज्ञ का आयोजन

फिजियोथैरेपि विभाग में रखरखाव एवं शुद्ध वातवरण के लिए हुआ यज्ञ का आयोजन

यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रतीक – रोग निवारण में उपयोगी है

फिजियोथैरेपि विभाग में रखरखाव एवं शुद्ध वातवरण के लिए हुआ यज्ञ का आयोजन

बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के सम्बद्ध पीबीएम अस्पताल के फिजिकल मेडिसन एवं रिहेबिलिटेशन विभाग (फिजियोथैरेपि विभाग) के रखरखाव एवं शुद्ध वातवरण बनाने के उद्देश्य से रविवार को शान्ति यज्ञ का आयोजन किया गया।
अस्थिरोग विभागाध्यक्ष एवं फिजिकल मेडिसन एवं रिहेबिलिटेशन विभागाध्यक्ष डॉ बी एल ख़जौटिया इस यज्ञ में मुख्य यजमान थे । सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गुंजन सोनी, पीबीएम अधीक्षक डॉ सुरेंद् वर्मा, ट्रॉमा सेंटर सीएमओ डॉ एल के कपिल यजमान बने । यह यज्ञ पंडित शंकर भादानी, पंडित श्याम भादानी ने सम्पन्न करवाया । यज्ञ में विशेष रूप से धनवंतरी की आहुति की गई जो चिकित्सा के देवता है। यज्ञ में चन्द्रमा की विशेष पूजा,विश्व शांति की कामना की गई ।
डॉ बी एल ख़जौटिया ने बताया कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है जिससे वातावरण, मन, मस्तिष्क की शुद्धि होती है। अस्थिरोग के ईलाज के उपरान्त एवं पूर्व भी फिजियोथैरेपि का बहुत महत्व है। यह विभाग मरीज के फिजियोथैरेपि के साथ-साथ उनके सुखद भविष्य के लिए भी काम करता है। इस उद्देश्य से फिजियोथैरेपि विभाग में यज्ञ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है ।
वरिष्ठ साहित्यकार कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि यज्ञ का वैज्ञानिक महत्व यह है कि यह पर्यावरण को शुद्ध करता है, हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है, और मानसिक शांति प्रदान करता है। यज्ञ, जिसे हवन भी कहा जाता है, एक प्राचीन प्रथा है जिसके कई वैज्ञानिक लाभ हैं। :यज्ञ में उपयोग होने वाली सामग्री, जैसे कि आम की लकड़ी, गुड़, और घी, जलने पर फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न करते हैं, जो हानिकारक कीटाणुओं और वायरस को नष्ट करने में मदद करती है.
यज्ञ के धुएं में मौजूद अन्य तत्व भी वायु को शुद्ध करने और बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद करते हैं.
राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBR) के एक शोध में पाया गया कि यज्ञ के धुएं से 94% तक हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते है यज्ञ के दौरान मंत्रों का जाप और हवन से निकलने वाली सुगंध मानसिक शांति के लिए उपयोगी हैं । यज्ञ का धुआं तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है. कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि यज्ञ की सुगंध खोई हुई याददाश्त को वापस लाने में भी मदद कर सकती है. ।
यज्ञ में उपयोग होने वाली औषधीय जड़ी-बूटियां और सामग्री स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं.
यज्ञ से निकलने वाली राख का उपयोग बीजों को सुरक्षित रखने और पौधों को उगाने में भी किया जा सकता है.
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यज्ञ से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा कम होती है. जोशी ने कहा कि यज्ञ एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो पर्यावरण को शुद्ध करने, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करती है.
यज्ञ में कवि कथाकार राजेंद्र जोशी, समाजसेवी श्योदान सिंह, खत्री मोदी समाज के दिनेश मोदी, डॉ संजय तंवर, डॉ विक्रांत सिंह, सहित गणमान्य शामिल थे ।

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