वाह रे सीएमएचओ:सैम्पिलिंग की मौखिक पाबंदी से परेशानी,भटक रहे है जांच करवाने वाले

वाह रे सीएमएचओ:सैम्पिलिंग की मौखिक पाबंदी से परेशानी,भटक रहे है जांच करवाने वाले

खुलासा न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो जिले में कोरोना के रिकार्ड तोड़ मरीज सामने आ रहे है और जिला प्रशासन अत्यधिक सैम्पिलिंग करवाने के दावे कर रहा है। लेकिन जिला प्रशासन के दावों को खोखला साबित करने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा पलीता लगा रहा है। जिसके चलते जांच करवाने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वे दर दर भटक रहे है। ताजा वाक्या फोर्ट डिस्पेन्सरी का है। जहां महज 50 जनों के सैम्पल लेकर सैम्पिलिंग लेनी बंद कर दी। बाद में यहां आने वालों को कभी पीबीएम तो कभी कही ओर भेजा गया। हालात यह रहे कि सैम्पल करवाने आएं मरीज दर दर भटकने का मजबूर हो गये। जब खुलासा ने इसकी हकीकत जानने के लिये डिस्पेन्सरी इंचार्ज डॉ रेखा रस्तोगी से बातचीत की तो सामने आया कि सीएमएचओ डॉ सुकुमार कश्यप ने उन्हें मौखिक आदेश दिए है कि 50 से ज्यादा सैम्पिलिंग करनी नहीं है। जब इसका कारण पूछा तो बताया कि डॉ रस्तोगी ने बताया कि सीएमएचओ कहते है कि आपके स्टाफ को सैम्पिलिंग करनी ही नहीं आती। ऐसे में सीएमएचओ ने फोटो डिस्पेन्सरी में होने वाली सैम्पल सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए।
मीटिंग का हवाला देकर सीएमएचओ ने किया अपना बचाव
जब इस मामले को लेकर खुलासा संवाददाता ने सीएमएचओ डॉ सुकुमार कश्यप से बातचीत की तो उन्होंने सभी प्रश्नों के गोलमोल दिए। जब हमारे संवाददाता ने उन्हें यह बताया कि अगर जांच करने वाले के लक्षण संक्रमित के हो तो वो जगह जगह घूमकर कई जनों को संक्रमित कर सकता है। तो डॉ कश्यप ने जिम्मेदाराना जबाब देते हुए कहा कि जांच के लिये भीड़ में लगा कौन व्यक्ति संक्रमित है। इसका पता थोड़ी होता है। यानि सीएमएचओ का यह जबाब कही न कही जिले में कोरोना नियंत्रण करने की पहल वाला नहीं बल्कि हालात को विकट करने वाला लगता है। इस दौरान सीएमएचओ ने करीब 10 मिनट बात करने के बाद मिटिंग का हवाला देते हुए फोन रख दिया। जिले में कोरोना के गंभीर हालातों के बीच सीएमएचओ की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से इस बीमारी के लक्ष्ण और गैर लक्षण वाले मरीज खासे परेशान हो रहे है।
चलती कोविड समस्या में भी विभागीय स्थानान्तरण
मंजर यह है कि जहां राज्य सरकार कोविड की गंभीरता को लेकर बार बार हिदायतें दे रही है। वहीं दूसरी ओर जिले का स्वास्थ्य महकमा नर्सिंग स्टाफ का स्थानान्तरण करने में लगा है। जिसको लेकर भी नर्सिंगकर्मियों ने प्रशासन के आलाधिकारियों से मुलाकात की और इस विकट समय में स्थानान्तरण न करने की गुहार तक लगाई है।
जिम्मेदार चुप क्यों
कोरोना के गंभीर समय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की लगातार आ रही लापरवाहियों पर आखिर जिम्मेदार इतने चुप क्यों है। सह समझ से परे। सीएमएचओ की अनेक शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारी इसे गंभीर नहीं ले रहे है।

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