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वाह: अस्पताल में आया नहीं, जांच कराई नहीं, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया और बन गई कोरोना निगेटिव रिपोर्ट

श्रीगंगानगर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में अब सरकारी अस्पताल प्रशासन भी सवालों के घेरे में नजर आ रहा है। अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी राहुल गहलोत की जांच रिपोर्ट निगेटिव तैयार हुई, लेकिन अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके यहां आरोपी राहुल का कोई सैंपल ही नहीं आया। न ही इसे लिस्ट में शामिल किया गया। आरोपी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ और इसके बाद सीधे उसकी निगेटिव रिपोर्ट भी तैयार हो गई।
इस पूरे मामले में अस्पताल के किसी कर्मचारी की भूमिका को अधिकारी जांच का विषय बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह तो जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर अस्पताल के किसी कर्मचारी की पूरे मामले में भूमिका है या नहीं।
कमेटी के सामने हुए बयान
इस मामले में पीएमओ की ओर से गठित कमेटी के सामने कोविड जांच लैब के प्रभारी और कम्प्यूटर ऑपरेटरों के बयान हुए हैं। इसमें सभी ने लिखित में दिया कि उनके यहां आरोपी राहुल के सैंपल की जांच ही नहीं हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ और उसके बाद कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया पूरी करते हुए उसकी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट तैयार करवा दी गई। इस संबंध में पीएमओ की ओर से गठित कमेटी में शामिल डिप्टी कंट्रोलर डॉ.प्रेम बजाज और डेंटिस्ट डॉ.सुभाष राजपूत ने बयान लिए।
आरोपी के पिता है अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी
आरोपी राहुल गहलोत के पिता धीरज गहलोत अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी हैं। ऐसे में आरोपी की रिपोर्ट बिना अस्पताल में आए तथा सैंपल दिए निगेटिव तैयार होना कई सवालों को जन्म देता है। इस मामले में पीएमओ डॉ.बलदेवसिंह का कहना है कि उन्होंने रिपोर्ट एडीएम को सौंप दी है। अब यह प्रशासन पर निर्भर है कि वह मामले की जांच करवाए। जांच में जिस भी कर्मचारी की भूमिका सामने आए उसके खिलाफ कार्रवाई हो।

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