श्रमिकों-कर्मचारियों से अब रोज 10 घंटे काम करवा सकेंगे:इंटर्नशिप के लिए न्यूनतम उम्र की सीमा बढ़ाई, 14-18 साल के किशोरों की नाइट-शिफ्ट पर प्रतिबंध

श्रमिकों-कर्मचारियों से अब रोज 10 घंटे काम करवा सकेंगे:इंटर्नशिप के लिए न्यूनतम उम्र की सीमा बढ़ाई, 14-18 साल के किशोरों की नाइट-शिफ्ट पर प्रतिबंध

श्रमिकों-कर्मचारियों से अब रोज 10 घंटे काम करवा सकेंगे:इंटर्नशिप के लिए न्यूनतम उम्र की सीमा बढ़ाई, 14-18 साल के किशोरों की नाइट-शिफ्ट पर प्रतिबंध
जयपुर। प्रदेश में अब 14 साल से कम उम्र के बच्चों को दुकानों, व्यापारिक संस्थानों, कंपनियों में किसी भी रूप में काम पर नहीं रख सकेंगे। 14 साल से कम उम्र के बच्चों को इंटर्नशिप या ट्रेनिंग के लिए भी नहीं रख सकेंगे।
सरकार इसके लिए अध्यादेश ला रही है। राजस्थान दुकान और वाणिज्य संस्थान (संशोधन) अध्यादेश-2025 को सीएम की मंजूरी मिल चुकी है। नोटिफिकेशन के साथ ही इस अध्यादेश के प्रावधानों को लागू करने की तैयारी है।
अध्यादेश में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार कम उम्र के बच्चों को दुकानों और वाणिज्य संस्थानों में काम पर नहीं रखा जा सकेगा। ट्रेनी (प्रशिक्षु) की न्यूनतम उम्र अब 12 साल से बढ़ाकर 14 साल अनिवार्य की गई है। 14 से 18 साल की उम्र के किशोरों से रात की शिफ्ट में काम नहीं करवाया जा सकेगा। पहले यह सीमा 12 से 15 साल थी।
14 से 18 साल के किशोरों से रोज 3 घंटे ही काम कराया जा सकेगा
मौजूदा राजस्थान दुकान और वाणिज्य संस्थान अधिनियम-1958 एक्ट के अनुसार 12 से 15 साल तक के किशोर रोज अधिकतम 3 घंटे तक काम कर सकते थे। अब इस उम्र सीमा को बढ़ाकर 14 से 18 साल कर दिया है।
ओवरटाइम की अधिकतम सीमा को भी बढ़ाया
अध्यादेश में श्रमिकों की रोजाना काम की अधिकतम सीमा 9 के स्थान पर 10 घंटे तय की गई है। ओवरटाइम करने की अधिकतम सीमा को भी तिमाही में 144 घंटों तक बढ़ाया गया है। दुकानों और व्यापारिक संस्थानों में कर्मचारियों से ज्यादा काम करवाने का रास्ता साफ हो गया है।
कारखाना संशोधन नियम-2025 को मंजूरी, कारखानों में गर्भवती महिलाओं से काम नहीं करवा सकेंगे
फैक्ट्रियों में गर्भवत्री और धात्री महिलाओं से काम नहीं करवाया जा सकेगा। विधानसभा में पारित कारखाना राजस्थान संशोधन विधेयक के बाद इसके नियम बन गए हैं। राजस्थान कारखाना संशोधन नियम-2025 को सीएम ने मंजूरी दे दी है। इसके नियमों में कारखानों में महिलाओं की सुरक्षा और नाइट शिफ्ट में काम करने से जुड़ी सुरक्षा शर्तें जोड़ी हैं।
अब महिलाओं की सहमति से उन्हें नाइट शिफ्ट में काम करवाया जा सकेगा, लेकिन सुरक्षा से जुड़े सभी प्रबंध करने होंगे। नए नियमों के अनुसार कारखाना स्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षा उपकरण, फेरा शील्ड, हीट शील्ड, ग्लब्स आदि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था करनी होंगी।
खतरनाक कैटेगरी के कारखानों में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध हटाया
काखाना संशोधन नियमों में महिला श्रमिकों को खतरनाक कैटेगरी के माने जाने वाले कारखाने से जुड़े कामों में काम करने से प्रतिबंध हटाया गया है। महिलाएं अब सुरक्षा उपकरणों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ खतरनाक कैटेगरी वाले कारखानों में काम कर सकेंगी।
राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देशों के बाद नियमों में बदलाव किए हैं। केंद्र के कंप्लायंस रिडक्शन एंड डिरेगुलेशन डॉकेट की पालना में राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन किए हैं।

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