-भारतीय रेलों से पैन्ट्री कार (pantry car) हटाने की तैयारी
-बेस किचन से उपलब्ध करवाया जाएगा भोजन
-श्याम मारू-
खुलासा न्यूज,बीकानेर। गर्म चाय….. खाना-बोलो-खाना …..उपमा….नाश्ता-बोलो-नाश्ता…..ब्रेड-कटलेट….वेज बिरयानी…..ठण्डा पानी-कोल्ड ड्रिंक….डिनर-बोलो-डिनर….। छकपक-छुकछुक सरपट दौड़ती रेलगाड़ी (train) में ये आवाजें अक्सर आती रहती है। तड़के पांच बजे से लेकर रात 10-11 बजे तक चलती रेलगाड़ी में रह-रहकर ये आवाजें आती रहती है। एक दम अधिकृत। कई बार अनअधिकृत आवाजें भी आती है, चना जोर गरम….भेल ले लो भेल….पाॅपकाॅर्न…सलाद ले लो सलाद….टाइम पास मुंगफली…चैाधरी की चाय….ताश-ताला-चश्मा-काला….मसाला छाछ… जैसी आवाजों से बच्चे सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं। कोरोना काल में अनधिकृत आवाजें पहले ही शांत हो चुकी है। अब रेलवे को पैसा चुकाकर पैन्ट्री चलाकर सामान बेचने वालों की अधिकृत आवाज भी बंद होने वाली है। भारतीय रेलवे को सभी रेलगाड़ियों में से पैन्ट्री कार हटाने की सलाह दी गई है। रेलवे कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन आॅल इण्डिया रेलवे मैन्स फैडरेशन एआईआरएफ (airf) ने रेल मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ट्रेन से पेंट्री कार (pantry car) हटाकर थर्ड एसी कोच लगा दिए जाएं, ताकि रेलवे की कमाई बढ़ाई जा सके। रेल मंत्रालय भी इस चिट्ठी पर विचार विमर्श कर रहा है। हालांकि रेलवे यह भी विचार कर रहा है कि उसके इस कदम से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। एआईआरएफ (airf) ने कहा है रेलगाड़ियों से पैन्ट्री कार (pantry car) हटाकर बेस किचन से यात्रियों को खाना मुहैया करवाया जा सकता है। इसपत्र में कहा गया है कि बेस किचन में अपेक्षाकृत ज्यादा साफ-सफाई रहती है। रेलवे बोर्ड के पूर्व चैयरमैन आरके सिंह ने कहा है कि रेलवे को बेस किचन की संख्या में बढ़ोतरी करनी चाहिए। हालांकि रेलवे ने तुरंत कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन एआईआरएफ के इस सुझाव से असहमति भी नहीं जताई है। रेलवे ने कहा है कि इस चिट्ठी पर विचार किया जा रहा है।

चलती रेलगाड़ियों में नहीं गूंजेगी ..गर्म चाय..ब्रेड-कटलेट






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