राज्य सरकार के इस निर्णय से तो पंचायतें एक-एक रुपए के लिए तरस जाएगी,सरपंचों ने विरोध में खोला मोर्चा - Khulasa Online राज्य सरकार के इस निर्णय से तो पंचायतें एक-एक रुपए के लिए तरस जाएगी,सरपंचों ने विरोध में खोला मोर्चा - Khulasa Online

राज्य सरकार के इस निर्णय से तो पंचायतें एक-एक रुपए के लिए तरस जाएगी,सरपंचों ने विरोध में खोला मोर्चा

खुलासा न्यूज,बीकानेर। ग्राम पंचायतों की आर्थिक स्थिति पहले ही कमजोर है। विकास के नाम खुद के पास आय के स्त्रोत नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने केन्द्र से मिलने वाली राशि को पीडी खाते में जमा कराने के आदेश दिए हैं। राज्य के सरपंच इसका विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन दिया। प्रदेश सरकार एवं वित्त विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों के खाते में जमा होने वाली राशि को पीडी खाते में जमा किए जाने पर कई विसंगतियां पैदा हो जाएगी।
सरपंच को पीईओ की कमेटी का अध्यक्ष बनाना अपमानजनक
सरपंच संघ के अनुसार वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में विगत दो साल से पंचायतीराज संस्थाओं के प्रशासनिक व वित्तीय हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। एक तरफ पंचायत चुनाव व कोविङ -१९ संक्रमण के दौरान पंचायतों की स्थिति दयनीय हो गई। वहीं दूसरी तरफ पंचायतीराज संस्थाओं की वित्तीय हालत बहुत नाजुक हो गई है। सरपंचों का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सभी कमेटियों का अध्यक्ष सरपंच को बनाया जाता है, लेकिन सरकार पीईओ को कमेटी का अध्यक्ष बनाकर उन्हें कमजोर कर रही है। सरपंच एसोसिएशन के संयोजक सवाई सिंह ने बताया कि
२१ जनवरी को सभी ग्राम पंचायतों में सांकेतिक तालाबंदी व प्रदर्शन होगा। ३० जनवरी को जयपुर मे राजस्थान सरपंच संघ की ओर से आंदोलन की रणनीति पर विचार कर आगामी निर्णय किया जाएगा।
पंचायतीराज संस्थाओं के अधिकार का हनन
पंचायतराज संस्थाओं के वित्तीय बजट को लेकर राज्य सरकार के नवीन आदेश के खिलाफ जिले भर सरपंचों ने मुख्यमंत्री के नाम बीडीओ को ज्ञापन सौंपें। इससे पहले पंचायत समिति मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।
पहले भी हो चुका है विरोध
जानकारों के मुताबिक दो साल पहले से राज्य सरकार ने पंचायतराज संस्थाओं को राज्य वित्त आयोग की राशि हस्तांतरित नहीं कर रही। अब केंद्र से प्राप्त राशि को भी राज्य सरकार पीडी खाते में जमा कराना चाह रही है। सरकार के इस निर्णय से गांवों का विकास अवरुद्ध होगा। पहले भी राज्य सरकार ने ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसका संपूर्ण प्रदेश में विरोध हुआ। इसको देखते हुए तत्कालीन पंचायतीराज मंत्री को आदेश रुकवाना पड़ा था।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26