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सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के उद्देश्य से युवक ने अंबेडकर का बोर्ड खुद ही रात को शौचालय पर फेंका, उसी ने किया हंगाम

सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के उद्देश्य से युवक ने अंबेडकर का बोर्ड खुद ही रात को शौचालय पर फेंका, उसी ने किया हंगाम
बीकानेर। किस तरह लोग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे, दो समुदायों के बीच द्वेषता फैलाने के लिए योजनाएं बनाते हैं। पिछड़े वर्ग के लोगों को सामान्य वर्ग के लोगों से लड़ाकर उन्हें बांटने का काम करते हैं। यह बात शुक्रवार को बाड़ेला गांव में देखने को मिली। शुक्रवार सुबह गांव के शौचालय पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का बोर्ड फेंका हुआ मिला। यह बोर्ड गांव की गुवाड़ के बीच में लगा था। इसे गांव के एक युवक मूलाराम मेघवाल ने मुद्दा बना लिया। उसने गांव के पिछड़े वर्ग के लोगों को मौके पर एकत्रित कर लिया। सामान्य वर्ग के लोगों पर बोर्ड को जानबूझकर हटाकर शौचालय पर फेंकने का आरोप लगाया। पिछड़े और सामान्य वर्ग के समुदाय के बीच इस बात को लेकर विवाद गहराने लगा। माहौल तनावपूर्ण हो गया। सूचना मिलने पर श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी जितेंद्र स्वामी पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया। इसके बाद जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि मूलाराम मेघवाल सुबह से ही गांव में इस मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहा था, वही इसमें मिला हुआ है। गवाड़ के लोगों से पुलिस ने पूछताछ की। इस पर कालूराम मेघवाल, चेनाराम मेघवाल, जगराम मेघवाल ने बताया कि गुरुवार रात को ढाई बजे मूलाराम मेघवाल ने ही डॉ. भीमराम अंबेडकर का बोर्ड गवाड़ से तोडक़र हटाया था। इसके बाद उसके बाद उसे उठाकर गांव के सार्वजनिक शौचालय के ऊपर फेंक दिया। सुबह होने पर सबसे पहले उसने ही हंगामा कि या, सोशल मीडिया पर अन्य समुदाय के लोगों पर आरोप जड़ दिया। सच्चाई सामने आने पर मामला शांत हो गया। इस मामले में

गांव के मोतीराम मेघवाल ने मूलाराम मेघवाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। उसने मूलाराम पर बाबा साहब का अपमान क

रने, विभिन्न समाजों में आपसी द्वेषता एवं वैमनस्यता फैलाने, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है। मामला दर्ज

कर लिया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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