
लूणकरणसर के सेंटर इंचार्ज से सरगना ने की थी 25 लाख में पेपर की डील






खुलासा न्यूज,बीकानेर। रीट परीक्षा में सेंटर अलॉट करने को लेकर कॉलेज शिक्षा विभाग की बड़ी चूक सामने आई है। लूणकरणसर के जिस प्राइवेट कॉलेज का संचालक पेपर लीक करने की तैयारी कर रहा था उसी को दो सेंटर अलॉट किए गए। वह दोनों में से कहीं से भी पेपर लीक कर सकता था। रीट परीक्षा में सेंटर अलॉट करने की जिम्मेदारी कॉलेज शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी। वहां केंद्राधीक्षक, ऑब्जर्वर और वीक्षक लगाने का काम स्कूली शिक्षा विभाग ने किया। परीक्षा का समन्वयक एडीएम सिटी को बनाया गया। तीनों ने ही सेंटर अलॉट करने से पहले छानबीन करना जरूरी नहीं समझा। काफी संख्या में ऐसे सेंटर बनाए गए, जो इसी साल अस्तित्व में आए हैं और उन्हें परीक्षा कराने का कोई तजुर्बा नहीं था। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में जिन स्कूलों को सेंटर बनाया जाता था उन्हें छोड़कर संकरी गलियों में नए सेंटर बना दिए गए। नकल का मामला उजागर होने के बाद अब इन पर सवाल उठ रहे हैं। लूणकरणसर में सीबीआर कॉलेज और आदर्श हैप्पी स्कूल को सेंटर बनाया गया। यह दोनों सेंटर राजाराम के हैं। कॉलेज भी राजाराम की ही पुरानी डीएवी स्कूल परिसर में ही चलाया जा रहा है। यानी राजाराम के तीन शिक्षण संस्थान हैं। तुलसाराम और राजाराम के बीच पेपर लीक करने की डील 25 लाख में हुई थी। सहीराम इस काम में मीडिएटर बना। गंगाशहर थाना प्रभारी राणीदान उज्जवल ने बताया कि राजाराम दोनों में से किसी भी सेंटर से पेपर लीक कर सकता था।
सेंटर इंचार्ज सहित तीनों आरोपी रिमांड पर : गंगाशहर पुलिस ने लूणकरणसर की सीबीआर कॉलेज सेंटर के इंचार्ज राजाराम,मीडिएटर सहीराम और राजूराम को रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने राजाराम का एक दिन का रिमांड मंजूर किया है, जबकि अन्य दोनों आरोपियों को तीन-तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।
तुलसाराम के घर से मिले अहम सुराग : नकल गिरोह का सरगना तुलसाराम के पटेल नगर स्थित घर की रविवार को तलाशी ली गई। पुलिस को वहां से काफी सुराग हाथ लगे हैं। सरगना से नकल के सामान की बड़ी बरामद की उम्मीद पुलिस को है। पुलिस को 8 जोड़ी डिवाईस लगी रबड़ की चप्पल,7 डिवाइस,22 चैक,32 मोबाइल फोन,2 मोबाइल चार्जर,1 डब्बा सैल,कान मक्खी,1 वॉकी टॉकी पुलिस को बरामद हुए है। नकल के इस खेल में तुलसाराम के और भी साथी हो सकते हैं। गिरोह के पकड़े गए सभी सदस्यों की कडिय़ों को जोड़कर देखा जा रहा है कि इन लोगों की पूर्व में हुई प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल को लेकर कोई भूमिका तो नहीं थी।
तुलसाराम ने जिन 25 अभ्यर्थियों को नकल कराने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस लगी चप्पल बेची थी, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। अभ्यर्थी भले ही नकल ना कर पाए हों, लेकिन उन्होंने डिवाइस नकल करने के उद्देश्य से खरीदी थी। तुलसाराम ने नकल कराने के लिए छह-छह लाख में सौदा किया था। काफी लोगों से एडवांस चेक भी लिए गए थे। पुलिस उसके और साथियों का पता लगाने में जुटी है।


