
क्या गोविन्द को मिलेगा मंत्रिपद,भाटी पर भी संशय!






खुलासा न्यूज,बीकानेर। प्रदेश में चिर प्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कवायदों का दौर शुरू हो गया है। सीएम अशोक गहलोत आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जातिय व क्षेत्रिय समीकरण साधने में लगे है। ऐसे में कई नये विधायकों को जगह मिलने की उम्मीद जगी है तो कुछ को हटाये जाने की चर्चा भी चल रही है। बात बीकानेर क ी करें तो यहां दो मंत्री पहले से ही है और संभाग में जातिय समीकरण बैठाने के लिये संभाग के एक दलित नेता को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की चर्चाएं चल रही है। खाजूवाला से विधायक गोविन्द मेघवाल,सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल,गंगानगर जिले से गुरमीत कुन्नर के नाम प्रमुखता से मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले फेरिस्त में शामिल हो सकते है। लेकिन इनमें कुछ बाधाएं भी आ रही है।
ये है अड़चने
राजनीतिक जानकारों की माने तो संभाग में मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले तीन प्रमुख दलित नेताओं में दो के साथ बड़ी बाधाएं सामने है। अपने बड़ बोलेपन और अखड़ स्वभाव के लिये जाने जाने वाले खाजूवाला विधायक गोविन्द मेघवाल के लिये सबसे बड़ी बाधा उनके पुराने राजनीतिक शत्रु है। यहीं नहीं एक पद एक व्यक्ति का सिद्वान्त भी उनके मंत्री बनने में आड़े आ रहा है। कांग्रेस की ओर से तय किये गये इस मापदंड में गोविन्द खरे नहीं उतर रहे है। इसके अलावा गोविन्द मेघवाल के पंचायत चुनाव प्रभारी के रूप में प्रभार भी ज्यादा सफलता नहीं दिला पाया। हालांकि मेघवाल सीएम की गुड फेथ लिस्ट में है,किन्तु कही न कही कांग्रेस आलाकमान के सामने उनके स्वभाव,पूर्व में किये कर्मकांड व राजनीतिक द्वन्द्वता रखने वालों का विरोध की फेरिस्त भी है। जिसकी वजह से मेघवाल का पक्ष कमजोर पड़ रहा है। उधर सुजानगढ़ विधायक स्व भंवरलाल मेघवाल की विरासत संभालने वाले मनोज भी पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे है। जिसको लेकर भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने पर संशय बना हुआ है।
भाटी पर लटक रही है तलवार
उधर कोलायत विधायक भंवरसिंह भाटी पर मंत्रिमंडल में बने रहने की तलवार लटक रही है। हालांकि सीएम ने स्पष्ट संकेत दिए है कि वे किसी मंत्री को अभी हटाएंगे नहीं। लेकिन अगर उनके साले को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात आती है तो भंवरसिंह का मंत्री बने रहना संभव प्रतीत नहीं होता है। ऐसे में उन्हें संगठन में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है। फिलहाल ये सब संभावनों के गर्भ है।
12 नए मंत्री बनना तय
तीन मंत्रियों के इस्तीफों के बाद गहलोत मंत्रिमंडल में अब 12 जगह खाली हो गई है। पहले सीएम सहित 21 मंत्री थे, अब तीन जगह और खाली होने से यह संख्या 18 रह जाएगी। मौजूदा हालत में 12 नए मंत्री बनना तय हो गया है। यह भी संभावना है कि परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ और मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
अब कभी भी मंत्रिमंडल फेरबदल
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की है।तीन मंत्रियों के इस्तीफे और अजय माकन के जयपुर दौरे के बाद अब गहलोत मंत्रिमंडल में कभी भी फेरबदल हो सकता है। मंत्रिमंडल फेरबदल का कांउट डाउन शुरू हो चुका है। अजय माकन अभी कुछ समय जयपुर रुकेंगे।


