
क्या सीएम गहलोत महिया का उतारेंगे अहसान? पढ़ें यह रिपोर्ट





खुलासा न्यूज, बीकानेर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा से मौजूदा विधायक गिरधारी महिया को एक बार फिर उम्मीदवार बना दिया है। गिरधारी महिया सरपंच से विधायक तक इसी पार्टी के बूते ही बने हैं। अब विधायक बनने के लिए वे दूसरी बार मैदान में है। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के ताराचंद सारस्वत पहले ही ताल ठोक चुके हैं, वहीं कांग्रेस का उम्मीदवार अभी तय नहीं है। हालांकि चर्चा यह भी आ रही है कि यहां कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगी और अंदर ही अंदर यहां के मौजूदा विधायक महिया को समर्थन कर सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जब कांग्रेस सरकार पर संकट आया था और पूरी सरकार अलग-अलग होटलों में थी। उस समय महिया ने सीएम अशोक का समर्थन करते हुए उनके पक्ष में गए थे। ऐसे में अब बात यह सामने आ रही है कि महिया का वो अहसान सीएम गहलोत इस विधानसभा चुनाव में उतार सकते है। बताया यह भी जाता है कि इस संबंध में गिरधारी महिया सीएम अशोक गहलोत से मिल भी चुके हैं। हालांकि दूसरी चर्चा यह भी आ रही है कि कांग्रेस श्रीडूंगरगढ़ में अपना कमजोर प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है, ताकि महिया का पलड़ा मजबूत रहे। हालांकि इस प्रकार की चर्चा और अनुमान का दौर है। सत्य तो आने वाला समय ही बता पाएगा।
2018 के चुनाव में महिया को मिले थे 72 हजार से अधिक वोट
कम्युनिस्ट पार्टी ने सोमवार को अपनी लिस्ट जारी की, जिसमें बीकानेर के डूंगरगढ़ से गिरधारी महिया को टिकट दिया गया। महिया ने पिछले चुनाव में 72 हजार 376 वोट हासिल किए थे। यहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के मंगलाराम गोदारा को 48 हजार 480 वोट मिले। वहीं भाजपा यहां तीसरे नंबर पर रही। भाजपा की ओर से ताराचंद सारस्वत उम्मीदवार थे। इस विधानसभा में पिछली बार एक लाख 74 हजार 831 मतदाताओं ने वोट दिया था। त्रिकोणीय मुकाबला होने से मतदान अधिक हुआ।
सीट समझौते में जाने की आशंका
कांग्रेस की ओर से भी एक लिस्ट सोमवार को जारी की गई लेकिन इसमें बीकानेर के शेष रहे तीन में से एक भी उम्मीदवार का नाम नहीं है। श्रीडूंगरगढ़ से पूर्व विधायक मंगलाराम ही टिकट मांग रहे हैं। मंगलाराम के अलावा भी दावेदार हैं। अब तक लिस्ट जारी नहीं होने से कांग्रेस की दावेदारी पर संशय जताया जा रहा है। दरअसल, ढ्ढ.हृ.ष्ठ.ढ्ढ.्र. गठबंधन में कम्युनिस्ट और कांग्रेस साथ में है। ऐसे में इस सीट के भी समझौते में जाने की आशंका जताई जा रही है।


