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पत्नी को फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ाना पड़ा भारी, जमानत याचिका फिर खारिज, यह भी जानें

उदयपुर के सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा को फर्जी मार्कशीट प्रकरण में आज की रात फिर जेल में बितानी पड़ेगी। मंगलवार को मीणा के वकीलों ने सलूंबर कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया।

सीबीसीआईडी ने की थी जांच

दरअसल, साल 2015 में बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी को सेमारी सरपंच पद का चुनाव लड़ाया था। इसमें उनकी पत्नी शांता देवी को जीत हासिल हुई थी। शांता देवी की प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने शांता देवी की फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई। सीबीसीआईडी ने मामले की जांच शुरू की। इसमें विधायक की पत्नी की मार्कशीट फर्जी पाई गई।

सुप्रीम कोर्ट तक गया था मामला

सुगना देवी की शिकायत के बाद मामला स्थानीय कोर्ट में गया। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में 3 सप्ताह में स्थानीय कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए। सोमवार को वह कोर्ट पहुंचे। उनके वकील ने पैरवी करते हुए जमानत याचिका भी पेश की। न्यायालय ने मीणा की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था। इसके बाद मंगलवार को मीणा के वकीलों ने सलूंबर कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। आज फिर से कोर्ट ने मीणा की याचिका को खारिज कर दिया।

दिए थे सरेंडर करने के आदेश

उदयपुर पुलिस के एडिशनल एसपी मुकेश सांखला ने बताया कि विधायक मीणा की अंतरिम बेल की अर्जी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही खारिज कर दिया था। मीणा ने पिछले महीने हाईकोर्ट में बेल अर्जी दी थी। खारिज होने के बाद फर्जी मार्कशीट का यह मामला उच्चत्तम न्यायालय तक पहुंचा। न्यायालय ने विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में तीन हफ्ते में स्थानीय अदालत में सरेंडर करने के आदेश दिए। इसके तहत उन्हें गिरफ्तार कर सलूंबर सब जेल भेजा गया था।

यह भी जानें

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को लागू किया गया था। जिला पंचायत चुनावों के लिए जहां उम्मीदवार का दसवीं पास होना जरूरी था। वहीं सरपंच चुनाव के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों का आठवीं और पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों का पांचवी कक्षा तक पढ़ा-लिखा होना अनिवार्य था। गहलोत सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए पुराने नियमों को लागू कर दिया। पुराने विवाद को लेकर बीजेपी एमएलए अमृतलाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

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