ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम की मॉनिटरिंग के लिए क्यों नहीं है कमेटी – हाईकोर्ट

ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम की मॉनिटरिंग के लिए क्यों नहीं है कमेटी – हाईकोर्ट

जयपुर: राज्य में ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम की मॉनिटरिंग के लिए कमेटी गठित करने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. एडवोकेट शशांक अग्रवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खण्डपीठ ने? राजस्थान स्टेट कमिश्नर फॉर प्रोटेक्शन आफ चाईल्ड राईट्स, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा और निदेशक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. खण्डपीठ ने इस याचिका को भी कल होने वाली स्कूली फीस की याचिकाओ के साथ संलग्न करने के आदेश दिये है.

सरकार को एक कमेटी का गठन करना चाहिए:
अधिवक्ता शशांक अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सक्सेना ने अदालत से कहा कि प्री प्राइमरी एजुकेशन को राजस्थान फीस रेगुलेशन एक्ट के तहत लाना चाहिए, ताकि प्री प्राइमरी स्तर पर फीस का नियमन हो सके. इसी के साथ ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर सरकार को एक कमेटी का गठन करना चाहिए ताकि इस पर मोनेटरिंग हो सके और सिलेबस, स्टेडी मेटेरियल सहित अन्य परेशानियों को दूर किया जा सके.

 

बच्चों के खिलाफ किसी तरह का कदम नहीं उठाने की गुहार की:
याचिका में लॉकडाउन के दौरान स्कूलों से निकाले गए अध्यापकों, नॉनटीचिंग स्टॉफ को हटाने, पूरा वेतन नहीं दिए जाने का मामला भी उठाया है. इसी के साथ एनजीओ, ट्रस्ट सहित अन्य संगठनों की ओर से चल रहे बजट स्कूल जिनमें कम फीस ली जाती है उनको भी सरकारी मदद या अनुदान दिए जाने की गुहार करते हुए फीस जमा नहीं करने पर बच्चों के खिलाफ किसी तरह का कदम नहीं उठाने की गुहार की. हाईकोर्ट में कल इस मामले पर सुनवाई होगी.

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