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राजस्थान में आखिर क्यों भडक़े 102 विधायक?:गहलोत बोले-कांग्रेस ऑब्जर्वर अध्यक्ष की सोच जैसा व्यवहार करें

जयपुरप्। राजस्थान में सात दिन पहले गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया। उसके बाद हुए सियासी बवाल के बाद पार्टी में अब भी अंदरखाने सियासत गरमा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब इशारों में ऑब्जर्वर बनकर आए मल्लिकार्जुन खडग़े और अजय माकन पर सवाल उठा दिए। गहलोत ने कहा- जब यह था कि मैं अध्यक्ष बन जाऊंगा तो नया सीएम आएगा।
गहलोत रविवार को सचिवालय में गांधीजी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। गहलोत ने कहा- कई बार कई कारणों से ऐसे फैसले हो जाते हैं। मुझे नहीं मालूम किन हालात में फैसला हुआ, जब विधायक दल की बैठक बुलाकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित करना होता है तो ऑब्जर्वर आएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष के बिहाफ पर ही ऑब्जर्वर आते हैं और हम उनसे उसी ढंग से बिहेव करते हैं।
गहलोत ने कहा कि उन्हें इतना क्या भय था, कैसे उन्हें मालूम पड़ा, मैं पता नहीं कर पाया, वो कैसे कर पाए। मैं दौरे पर था, तो पता ही नहीं था। ऐसी नौबत आई, हमारे सब नेताओं को सोचना चाहिए कि क्या हुआ? उन्होंने कहा कि हम सब में कमियां हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे लिए राजस्थान में सरकार बनाना जरूरी है। मैंने अगस्त में ही सोनिया गांधी से कह दिया था कि आप चाहें तो जो सरकार रिपीट कर सके, उसे सीएम बना दीजिए, मैं सीएम पद छोड़ दूंगा।
डोटासरा विधायकों को मनाने गए थे
राजस्थान कांग्रेस के विवाद पर गहलोत ने कहा- हाईकमान का आदेश होने के बाद एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाना हमारी परंपरा रही है। मैंने सोनिया गांधी से मिलकर कहा कि सीएलपी लीडर रहते मेरी जिम्मेदारी थी कि वह प्रस्ताव पारित करवाता, लेकिन वह नहीं हो पाया। जब पीसाीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायकों से जाकर कहा कि आप चलिए। एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने का तो कायदा होता है।
हमारा अभिभावक किसके भरोसे छोडक़र जा रहा है
गहलोत ने कहा- विधायकों ने डोटासरा से कहा कि हमारे अभिभावक तो दिल्ली जा रहे हैं, हमें किसके भरोसे छोडक़र जा रहे हैं? आप सोच सकते हो जिसने मेरी सरकार बचाई थी 102 विधायक थे, मैं कैसे उन्हें धोखा दे सकता हूं, इसलिए मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से माफी मांगना मंजूर किया, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का पार्टी में इतना योगदान रहा है। मुझे तो संकोच हो रहा था, मैं उन्हें जाकर क्या कहूंगा?
अमित शाह हंस-हंसकर हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे
गहलोत ने कहा- क्चछ्वक्क तो हर वक्त सरकार को डिस्टर्ब करने की कोशिश करेगी, उसका बस चले तो सरकार गिरा दे। क्चछ्वक्क इन विधायकों से मिली हुई थी। अमित शाह के पास बैठकें कर रहे थे, हमारे कुछ विधायक गए थे। अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, जफर इस्लाम, सब बैठकर बातचीत कर रहे थे। हमारे विधायकों को हंस-हंसकर मिठाई खिला रहे थे। कह रहे थे कि थोड़ा इंतजार करो।
उस वक्त होटल से निकलने के 10 करोड़ मिल रहे थे। उस समय जब गवर्नर ने असेंबली बुलाने की घोषणा कर दी तो बीजेपी 58 करोड़ तक विधायकों को दे रही थी। राजस्थान में इनका बस नहीं चला।

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