भारत में हर्ड इम्युनिटी पाना क्यों हो सकता है बहुत खतरनाक, एक्सपर्ट ने बताया

भारत में हर्ड इम्युनिटी पाना क्यों हो सकता है बहुत खतरनाक, एक्सपर्ट ने बताया

भारत में हर्ड इम्युनिटी संभव नहीं है

डॉ. अशोक सेठ ने हेल्थगीरी कार्यक्रम में कहा, हिंदुस्तान को अगर हर्ड इम्युनिटी चाहिए तो करीब 70 फीसदी आबादी में कोरोना का संक्रमण होना जरूरी है. वैक्सीनेशन का भी यही मतलब है कि लोगों को हम इम्युनिटी देते हैं. लेकिन हर्ड इम्युनिटी के तहत जब हम लोगों को कोरोना से संक्रमित होने देंगे तो तमाम लोगों की मौत होंगी. अगर 2 फीसदी आबादी भी कोरोना का शिकार होती है तो भारत में करोड़ों लोग मरेंगे. स्वीडन ने भी हर्ड इम्युनिटी पाने की कोशिश की थी लेकिन उसे भी कदम पीछे खींचने पड़े.

युवाओं को रहना होगा सावधान

डॉ. सेठ ने कहा, लोग सोचते हैं कि मैं तो युवा हूं, मैं कोरोना से संक्रमित हो भी जाऊंगा तो कुछ नहीं होगा लेकिन उन्हें ये नहीं समझ आता है कि वे अपने परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं. इसलिए युवाओं को अपने परिवार को सुरक्षित करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए. डॉ. सेठ ने कहा कि कोरोना कब तक जाएगा इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन लोगों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए और सभी लोगों को मास्क जरूर पहनना चाहिए.

मानसिक तनाव दूर करने के टिप्स

जसपाल अस्पताल के डॉ. राजेश पारिख ने कहा, लोगों की मानसिक स्थिति पर भी कोरोना वायरस का बहुत असर हो रहा है. कोरोना वायरस का सिर्फ अल्प अवधि के लिए ही नहीं बल्कि लंबे वक्त के लिए भी बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन जारी की गई हैं. परिवार को देखना चाहिए कि कोई अचानक शांत हो गया है तो उसे मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए. आपको योग और ध्यान करना चाहिए. लोगों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. नींद ना लेने से तनाव बढ़ता है. लोगों को अपना रूटीन बनाए रखना चाहिए. परिवार के साथ बातचीत करनी चाहिए.

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