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किसकी नजर लगी इस शहर को, चार दिन में तीन मर्डर, शहर बना नशे का बड़ा कारोबार

शिव भादाणी

खुलासा न्यूज बीकानेर। धर्मनगरी के नाम विख्यात बीकानेर शहर के लोग एकदम शांति स्वभाव के है लेकिन पिछले तीन चार सालों से इस शहर को नजर लग गई है। जहां लोग हथियारों के नाम से दूर रहते थे वहीं आज हथियार रखना फैशन बन गया है और वहीं हथियार आमलोगों के जीवन को दूभर कर दिया है। आज छोटी सी बात पर चाकू निकला लिया जाता है। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी बीकानेर शहर में बदमाशों के हौसले बुलंद हो गये है। इसका मुख्य कारण है इन बदमाशों को राजनैतिक व पुलिस की शह मिली हुई है। प्राय: देखा जाता है शहर के हिस्ट्रीशीटर थानों में बैठकर चाय पीते नजर आते है ऐसे में अपराधियों में भय नहीं रहेगा क्योकि पुलिस के साथ बैठकर जहां चाय पी जाती है वही का वह हिस्टीशीटर होता है लेकिन राजनैतिक सांठगाठ के चलते पुलिस उन पर हाथ नहीं डालती है। इन्ही अपराधियों के साथ रहने वाले लोग धीरे-धीरे अपने आपको भी बड़ा बदमाश समझने लगते है और अपने पास हथियार रखते है और छोटी मोटी घटना पर ही यह लोग तुरंत हथियार निकालकर वार कर देते है। ऐसा ही मामला होली के दिन हुआ जहां छोटी सी बात पर ही चाकूओं से वार कर दो युवकों को मौत के घाट उतारा दिया। वहीं रविवार को चौखंूटी के पास एक युवक सिगरेट पी रहा था इसी बात को लेकर कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया जिससे अस्पताल लेकर जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसको लेकर लोगों में भारी रोष है।
कहां से आते है हथियार
शहर में अगर देखा जाये तो युवा वर्ग अपने पास हथियार रख कर अपना शौक पूरा करते है वहीं शौक दूसरे के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। बड़ी बात यह है कि इनके पास हथियार कौन लेकर आता है कौन है जो इस युवा पीढ़ी को अपराध की ओर लेकर जा रही है। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी शहर में खुलेआम हथियार आ रहे है और बिक रहे है।
नशे बनता जा रहा है शौक
अगर देखा जाये तो शहर में नशे का कारोबार बड़े स्तर पर है जिसमें नशे की गोलियां, चरस, एमडी,डोडा- पोस्त आदि नशा भी शहर के कई ऐसे इलाके है जहां खुलेआम बिक रहा है जिसमें जस्सूसर गेट, नत्थुसर गेट, हरलोई हनुमान जी मंदिर, गंगाशहर, सुजानदेसर, चौपड़ा बाड़ी, करमीसर चौराहा, बागीनाड़ा हनुमान मंदिर के पास, गोपेश्वर बस्ती, मोहता सराय आदि इलाकों में बेधडक़ नशा बिकता है।
मेडिकल स्टोरों पर नशे की दवाई बिकती है
पुख्ता जानकारी मिली है शहर के कई ऐसे मेडिकल स्टोर है जहां पर नशेडिय़ों के लिए नशे की शीशियां मिलती है जो प्राय: प्रतिबिधंत है लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक चोरी छिपे अपने पास यह आसपास गोदाम बनाकर रखते है जहां नशेडियों को दी जाती है। देखा यह भी जा रहा है नशेडिय़ मेडिकल संचालक से कोड वल्र्ड में बोलकर दवाई मांगता है जो सिर्फ मेडिकल संचालक ही समझ सकता है। कई मेडिकल स्टोर ने दी नशेडियों को सुविधा तक दे रखी है रात होने के बाद उनके स्थान पर ज्यादा दरों पर पहुंचाई जा रहा है जिससे उनको आना नहीं पड़ता है। प्राय एक शीशी की रेट जहां 30 रुपये है तो वहीं रात को 120 रुपये तक बिकती है।

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