
इस बार टिकट वितरण को लेकर किस मंत्री का पलड़ा रहेगा भारी





निखिल स्वामी की रिपोर्ट
बीकानेर. राजनीति की पहली सीढ़ी छात्रसंघ चुनाव होती है। इन चुनावों में नए पीढ़ी भी तैयार होती है। इन नई पीढ़ी को चुनाव लड़ाने के लिए कई बड़े दिग्गज भी अपना दांव खेल रहे है। कई लोग तो अपने दूर के रिश्तेदारों को भी चुनाव लड़वा चुके है और अब लड़वाना चाहते है। लेकिन इस बार छात्रसंघ के चुनाव दिलचस्प होने वाले है। राजस्थान सरकार के चार बड़े कैबिनेट स्तर के मंत्री बीकानेर जिले से है। ये चारों ही सरकार में अहम पद पर काबिज है। ऐसे में इन चारों केबिनेट स्तर के मंत्री इन चुनावों में अपना दखल देंगे। अब देखना होगा कि इस बार छात्रसंघ चुनाव में केबिनेट किस मंत्री की ज्यादा चलेगी। हर बार छात्रसंघ के चुनावों में विधायकों व नेताओं का दखल रहा है। इस बार चार बड़े केबिनेट स्तर के मंत्री होने से दखल की संभावना भी बढ़ जाएगी। जानकारों की मानें तो इस बार छात्रसंघ चुनाव में सभी मंत्री अपने-अपने क्षेत्र की कॉलेजों में अपना वर्चस्व रखने के लिए टिकट बांटने व अपने चहेतों को टिकट देकर चुनाव लड़वाना चाह रहे है। शहरी क्षेत्र में बीजेपी व कांग्रेस के नेता व एमएलए का दखल रहता है। वहीं संभाग के सबसे बड़े कॉलेज डूंगर महाविद्यालय में रामेश्वरलाल डूडी समर्थकों व आरएलपी के समर्थकों का दखल रहता है। इसके अलावा एमएस कॉलेज में एबीवीपी व एनएसयूआई की हर बार टक्कर रहती है। यहां एबीवीपी के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेताओं का दखल रहता है तो एनएसयूआई में बड़े नेताओं का दखल रहता है। वहीं महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में कुछ सामाजिक संगठनों, नेताओं भी इंटरेस्ट दिखाते है। जानकारों की मानें तो इस बार एनएसयूआई से बड़े नेता के रिश्तेदार चुनाव लड़ना चाह रहे है।
कहीं टिकट को लेकर चल रही बैठकें, वहीं नहीं मिल रहा प्रत्याशी
एबीवीपी व एनएसयूआई में टिकट वितरण में बड़े नेताओं की दखलअंदाजी के बाद ही टिकट का वितरण किया जाएगा। इसको लेकर बैठकों का दौर चल रहा है। एबीवीपी ने दो कॉलेजों व एक विवि में टिकट वितरण कर दिया है, वहीं एनएसयूआई ने अभी तक एक भी टिकट का वितरण नहीं किया है। जानकारों की मानें तो डूंगर कॉलेज व एमएस कॉलेज में टिकट को लेकर ज्यादा बैठकें व माथापच्ची हो रही है। कई कॉलेजों में एनएसयूआई व एबीवीपी को प्रत्याशी नहीं मिल रहा है।
राजस्थान का सबसे बड़े कॉलेज बना डूंगर महाविद्यालय
डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.पी.सिंह ने बताया कि राजकीय डूंगर महाविद्यालय संभाग के साथ-साथ राजस्थान का भी सबसे बड़ा कॉलेज बन गया है। यहां नियमित व प्राइवेट स्टूडेंट्स 25 हजार है। जिनमें 11 हजार नियमित व 14 हजार प्राइवेट स्टूडेंटस पढ़ते है।


